इस रिपोर्ट में बताया गया है कि हिमालयी देश अपनी विशाल स्वच्छ ऊर्जा क्षमता का केवल लगभग 6% ही उपयोग कर रहे हैं। इस प्रकार इस क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा के बहुत बड़े अवसर अभी भी अप्रयुक्त हैं।
- हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र में आठ देश शामिल हैं: अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, भारत, म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान।
ऊर्जा क्षमता की वर्तमान स्थिति और अल्प उपयोग:
- जल विद्युत क्षमता: इस क्षेत्र में 882 गीगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। हालांकि, इसमें से केवल 49% का ही उपयोग हो रहा है, जो कि अधिकतर सीमा-पार नदियों से प्राप्त होती है।
- सौर एवं पवन ऊर्जा की संभावनाएं: इस क्षेत्र में सौर एवं पवन ऊर्जा की 3 टेरावाट की विशाल स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध है।
- अकेले हिंदू कुश हिमालयी क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता 3.5 टेरावाट से अधिक है।
- एनर्जी मिक्स: भूटान और नेपाल 100% बिजली नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पन्न करते हैं। अन्य हिंदू कुश हिमालयी देशों में जीवाश्म ईंधन बिजली उत्पादन का प्रमुख स्रोत हैं, जैसे भारत में 77% विद्युत का उत्पादन जीवाश्म ईंधन से होता है।
ऊर्जा संबंधी सहयोग में प्रगति के समक्ष बाधाएं
- जलवायु संबंधी जोखिम: नदी प्रवाह मार्ग में बदलाव, हिमनदीय झील के टूटने से उत्पन्न बाढ़ (GLOF) और चरम मौसमी घटनाओं के कारण इस क्षेत्र में मौजूदा और भावी जल विद्युत परियोजनाओं में से लगभग दो-तिहाई को खतरा है।
- आर्थिक एवं वित्तीय बाधाएं: इनमें परियोजनाओं की उच्च लागत, कम निजी निवेश, तथा जीवाश्म ईंधन के आयात पर अत्यधिक निर्भरता शामिल हैं।
- अन्य: वित्त-पोषण एवं अवसंरचना की कमी; भूमि अधिग्रहण व विस्थापन; नाजुक पर्वतीय पारिस्थितिकी-तंत्र को नुकसान; प्रौद्योगिकी की कमी आदि।
क्षेत्रीय ऊर्जा सहयोग के लिए सिफारिशें:
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