यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत 130 शहरों में किए गए स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरों को दिया गया।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कार, 2025 पर एक नजर
- जनसंख्या आधारित श्रेणियां:
- श्रेणी 1: 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर।
- श्रेणी 2: 3 से 10 लाख आबादी वाले शहर।
- श्रेणी 3: 3 लाख से कम आबादी वाले शहर।
- कुल पुरस्कार: 130 NCAP शहरों में से केवल 11 शहरों को सर्वश्रेष्ठ-प्रदर्शनकर्ता शहरों की श्रेणी में सम्मानित किया गया।
- श्रेणी 1 (10 लाख से अधिक आबादी): पहला स्थान इंदौर, दूसरा स्थान जबलपुर, और तीसरा स्थान आगरा एवं सूरत को मिला।
- श्रेणी 2 (3-10 लाख आबादी): पहला स्थान अमरावती, दूसरा स्थान झांसी और मुरादाबाद तथा तीसरा स्थान अलवर को मिला।
- श्रेणी 3 (3 लाख से कम आबादी): पहला स्थान देवास, दूसरा स्थान परवाणू और तीसरा स्थान अंगुल को मिला।
- शहरों की रैंकिंग विभिन्न मापदंडों पर आधारित है, जैसे:
- बायोमास और ठोस नगरपालिका अपशिष्ट का दहन;
- सड़क की धूल;
- निर्माण और विध्वंस से निकलने वाली धूल;
- वाहनों से होने वाला प्रदूषण;
- उद्योगों से होने वाला उत्सर्जन;
- IEC (सूचना, शिक्षा, और संचार) गतिविधियां;
- PM10 सांद्रता में सुधार आदि।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के बारे में
- उत्पत्ति: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसे 2019 में शुरू किया था।
- उद्देश्य: इसका लक्ष्य 24 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के 131 शहरों (गैर-प्राप्त शहरों और 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों) में सभी हितधारकों को शामिल करके वायु गुणवत्ता में सुधार लाना था।
- सबसे प्रदूषित या गैर-प्राप्त शहर (Non-Attainment cities) वे शहर हैं, जिनकी वायु गुणवत्ता वर्ष 2011 से वर्ष 2015 के राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करती है।
- लक्ष्य: इसका लक्ष्य PM10 के स्तर को 2019-20 के स्तर से 2025-26 तक 40% तक कम करना या राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (60 µg/m3) को प्राप्त करना है।
- कार्यान्वयन निकाय: राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) इसका कार्यान्वयन करता है।
- प्राण/ PRANA (गैर-प्राप्त शहरों में वायु प्रदूषण विनियमन के लिए पोर्टल): इसे NCAP के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए शुरू किया गया था।