नई रक्षा खरीद नियमावली (DPM), 2025 रक्षा मंत्रालय ने जारी की है। यह 2009 में जारी पिछली नियमावली का एक अपडेटेड संस्करण है।
रक्षा खरीद नियमावली (DPM) क्या है?
- इसके बारे में: यह सभी रक्षा सेवाओं और रक्षा मंत्रालय के प्रतिष्ठानों के दैनिक संचालन, रखरखाव और तैयारी के लिए आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद के नियमों को स्थापित करती है।
- यह रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (DAP) से अलग है, जो पूंजीगत खरीद से संबंधित है।
- DPM, 2025 के मुख्य प्रावधान
- राजस्व मद (संचालन एवं भरण-पोषण खंड) के तहत रक्षा स्वदेशीकरण को बढ़ावा देना और सशस्त्र बलों की संयुक्तता को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता हासिल करना।
- चालू वित्त वर्ष के लिए लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की खरीद हेतु राजस्व खरीद प्रक्रिया को सुव्यवस्थित एवं सरल बनाना।
रक्षा स्वदेशीकरण में चुनौतियां
- प्रौद्योगिकी: अपर्याप्त घरेलू अनुसंधान एवं विकास (R&D) तथा कुशल कार्यबल की कमी के कारण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और लाइसेंस प्राप्त उत्पादन व्यवस्थाओं पर निर्भरता।
- उद्योग: निजी क्षेत्रक की भागीदारी कम है। उदाहरण के लिए- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का एकाधिकार।
- आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियां: आयातित घटकों, उप-प्रणालियों और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता। साथ ही, निर्यात नियंत्रणों से संबंधित प्रतिबंधों की समस्या। उदाहरण के लिए- संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जेट इंजनों की डिलीवरी में देरी।
- उच्च लागत: स्वदेशीकरण और आयात प्रतिस्थापन से अल्पकाल में अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए खरीद लागत बढ़ जाती है।
रक्षा स्वदेशीकरण के लिए उठाए गए अन्य कदम
|