डॉ. भूपेन हजारिका (1926-2011)

प्रधान मंत्री ने डॉ. भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।
डॉ. भूपेन हजारिका के बारे में
- उनका जन्म असम में हुआ था। वे "बार्ड ऑफ ब्रह्मपुत्र" और "सुधाकंठ" के नाम से प्रसिद्ध हैं।
- उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्मविभूषण और भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
मुख्य योगदान
- वे एक मानवतावादी थे, जिनके गीतों ने साम्प्रदायिक सद्भाव, आशावाद, न्याय, विरोध के स्वर, क्रांतिकारी के उत्साह और लोगों में समानुभूति का संदेश दिया।
- उन्होंने "मनुहे मनुहार बाबे", "मोई एटी जाजाबोर", "बिस्तीर्ण परोरे" जैसे सदाबहार गीतों की रचना की, जिनमें असमिया लोक संगीत में मानवता, न्याय और सद्भाव के सार्वभौमिक संदेशों का समावेश झलकता है।
- उन्होंने अपने क्षेत्र की जनजातियों के बीच भाईचारे और एकता की भावना को बढ़ावा दिया।