'वनों पर पर्यावरणीय लेखांकन, 2025' रिपोर्ट जारी की गई | Current Affairs | Vision IAS
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सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी वन 2025 रिपोर्ट में भारत के वन आवरण में 2.4% की वृद्धि, पारिस्थितिक सुधार और संयुक्त राष्ट्र के SEEA ढांचे के आधार पर सतत लाभ पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें पर्यावरणीय लेखांकन पर जोर दिया गया है।

In Summary

यह रिपोर्ट सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने जारी की है। यह पर्यावरणीय लेखांकन से जुड़ा लगातार 8वां संस्करण है।

  • यह वन लेखांकन पर आधारित पहली समर्पित रिपोर्ट है । इसे संयुक्त राष्ट्र के "पर्यावरणीय आर्थिक लेखांकन प्रणाली (SEEA) फ्रेमवर्क" के आधार पर तैयार किया गया है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • भौतिक परिसंपत्ति लेखा (Physical Asset Account):
    • वनावरण (2010-11 से 2021-22): यह 17,444.61 वर्ग किमी (22.50%) बढ़ा है। अब कुल वन क्षेत्र 7.15 लाख वर्ग किमी. तक पहुंच गया है, जो भारत के भौगोलिक क्षेत्र का 21.76% है।
    • सबसे ज्यादा बढ़ोतरी वाले राज्य: केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु। 
  • विस्तार लेखा (Extent Account):
    • वन विस्तार (2013–2023): पुनर्वर्गीकरण और सीमाओं के समायोजन के कारण  3,356 वर्ग किमी की निवल वृद्धि दर्ज की गई है।
    • रिकॉर्डेड फॉरेस्ट एरिया (RFA) में सबसे अधिक वृद्धि वाले राज्य: उत्तराखंड (6.3%), ओडिशा (1.97%), और झारखंड (1.9%)।
  • स्थिति लेखा (Condition Account): यह लेखा पारितंत्र की गुणवत्ता को आंकता है और "ग्रोइंग स्टॉक" (जीवित वृक्षों में उपयोगी लकड़ी की मात्रा) पर केंद्रित है।
    • ग्रोइंग स्टॉक (2013–23): 305.53 मिलियन घनमीटर (7.32%) बढ़ा है।
    • शीर्ष योगदानकर्ता राज्य: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना।
  • सेवा लेखा (Service Accounts):
    • प्रोविजनिंग सेवाएं (काष्ठ और गैर-काष्ठ उत्पाद): वित्त-वर्ष 2021-22 में इनका मूल्य GDP का लगभग 0.16% हो गया।
      • शीर्ष राज्य: महाराष्ट्र, गुजरात और केरल।
    • विनियमन सेवाएं (कार्बन प्रतिधारण): 2021-22 में मूल्य बढ़कर GDP का लगभग 2.63% हो गया।
      • शीर्ष राज्य: अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और असम।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण-आर्थिक लेखांकन प्रणाली (SEEA) के बारे में

  • विकासकर्ता: इसे वर्ष 2012 में संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय आयोग और खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने विकसित किया था। 
  • SEEA क्या है: SEEA एक अंतर्राष्ट्रीय सांख्यिकीय मानक है, जो आर्थिक और पर्यावरणीय आंकड़ों को एकीकृत करता है। इसका उद्देश्य पर्यावरण का अर्थव्यवस्था में योगदान और अर्थव्यवस्था का पर्यावरण पर प्रभाव समझना है।
  • भारत में स्थिति: SEEA फ्रेमवर्क को पहली बार सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने 2018 में अपनाया था।
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