‘चिल्ड्रन इन इंडिया, 2025’ रिपोर्ट जारी की गई | Current Affairs | Vision IAS
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रिपोर्ट में शिशु एवं बाल मृत्यु दर, स्कूल छोड़ने की दर, बाल विवाह में कमी लाने, गोद लेने की दर में वृद्धि करने में हुई प्रगति का विवरण दिया गया है, तथा भारत भर में बच्चों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ाने के लिए नीतियों का मार्गदर्शन किया गया है।

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हाल ही में, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने चिल्ड्रन इन इंडिया, 2025 रिपोर्ट का चौथा अंक जारी किया।

  • यह रिपोर्ट बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, संरक्षण आदि पर विवरण प्रदान करती है, ताकि बच्चों के अधिकारों और कल्याण में सुधार के लिए साक्ष्य-आधारित नीतियों को निर्देशित किया जा सके।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर

  • शिशु मृत्यु दर (IMR): 2011 की 44 से घटकर 2023 में 25 हो गई।
    • शिशु मृत्यु दर (IMR): प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर एक वर्ष से कम आयु के बच्चों की होने वाली मृत्यु की संख्या।
  • 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR): 2022 की 30 से घटकर 2023 में 29 हो गई।
    • 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में मृत्यु दर (U5MR): यह किसी वर्ष विशेष या अवधि में जन्म लेने वाले प्रति 1000 बच्चों की 5 वर्ष की आयु से पहले मृत्यु की संभावना को दर्शाती है।
  • जन्म दर: 2023 में प्रति 1,000 जनसंख्या पर घटकर 18.4 हो गई। ग्रामीण क्षेत्रों में यह 20.3, जबकि शहरी क्षेत्रों में 14.9 है।
  • स्कूल छोड़ने (Dropout) की दर (2022-23 से 2024-25):
    • प्रारंभिक (प्रिपरेटरी) चरण: 8.7% से घटकर 2.3% हो गई।
    • मिडिल स्तर: 8.1% से घटकर 3.5% हो गई।
    • माध्यमिक स्तर: 13.8% से घटकर 8.2% हो गई।
  • बाल विवाह (20-24 वर्ष की आयु की महिलाओं का 18 वर्ष से पहले विवाह): बाल विवाह की दर 2015-16 की 26.8% से घटकर 2019-21 में 23.3% हो गई।
  • बच्चों को गोद लेने के आंकड़े: गोद लिए गए कुल बच्चों की संख्या 3,927 (2017-18) से बढ़कर 4,515 (2024-25) हो गई।
    • देश में रहने वाले लोगों द्वारा गोद लिए गए बच्चों की संख्या: 4,155; विदेश में रहने वाले लोगों द्वारा भारत में गोद लिए गए कुल बच्चों की संख्या: 360-653 प्रतिवर्ष है।
  • लैंगिक समानता सूचकांक (GPI): 2024-25 में शिक्षा के सभी स्तरों पर लैंगिक समानता हासिल की गई है।
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