यूनेस्को ने भारत के कोल्ड डेजर्ट बायोस्फीयर रिजर्व को 26 नए स्थलों के साथ अपने वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ़ बायोस्फीयर रिजर्व (WNBR) में शामिल किया है।
- इस नामांकन के बाद भारत के कुल 13 बायोस्फीयर रिजर्व यूनेस्को नेटवर्क का हिस्सा बन गए हैं। दुनिया भर में ऐसे स्थलों की संख्या बढ़कर अब 785 हो गई है।
- वहीं, मध्य अफ्रीका का एक द्वीपीय राष्ट्र साओ टोमे एंड प्रिंसिपे ऐसा पहला देश बन गया है, जिसका पूरा क्षेत्र बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया है।
कोल्ड डेजर्ट बायोस्फीयर रिजर्व के बारे में
- अवस्थिति: यह भारत का पहला उच्च ऊंचाई वाला शीत मरुस्थल बायोस्फीयर रिजर्व है। यह यूनेस्को के WNBR में शामिल सबसे शीत और शुष्क पारितंत्रों में से एक है।
- यह हिमालय में स्थित है और उत्तर में लद्दाख (लेह एवं कारगिल जिलों) से लेकर दक्षिण में किन्नौर (हिमाचल प्रदेश में स्पीति घाटी व किन्नौर जिले) तक फैला हुआ है।
- संरक्षित क्षेत्र: इसमें पिन वैली राष्ट्रीय उद्यान और उसके आसपास का क्षेत्र तथा चंद्रताल एवं सरचू और किब्बर वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
- बायोम: यह शीत मरुस्थल बायोम का निर्माण करता है। यहां चरम जलवायु दशाएं पाई जाती हैं, जिसका कारण हिमालय के पवन विमुख ढलान पर अवस्थिति (जो इसे वृष्टि छाया क्षेत्र बनाता है) और बहुत अधिक ऊंचाई है।
- संस्कृति: यहां बौद्ध संस्कृति पाई जाती है। यहां पर-
- गोम्पा (बौद्ध मठ), चोर्टेन (उल्लेखनीय प्रकार के स्तूप) और मणि दीवारें (पत्थरों की लंबी व चौड़ी कतार जैसी संरचनाएं) मिलती हैं।
- इसके अलावा, लद्दाख की बौद्ध मंत्रोच्चारण परंपरा यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में दर्ज है।
- जीव-जंतु: हिम तेंदुआ, हिमालयी आईबेक्स, ब्लू शीप (भरल), हिमालयी भेड़िया, गोल्डन ईगल आदि।
वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ़ बायोस्फीयर रिजर्व (WNBR) के बारे में
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