यह नेटवर्क BSNL ने प्रस्तुत किया है तथा इसे C-DOT, तेजस और TCS के सहयोग से विकसित किया गया है।
- इससे भारत को 5G तकनीक को तेजी से अपनाने और भविष्य में 6G की नींव रखने की क्षमता प्राप्त होगी।
स्वदेशी 4G स्टैक का महत्त्व
- रणनीतिक स्वायत्तता: यह भारत को अपनी दूरसंचार अवसंरचना पर नियंत्रण प्रदान करेगा। इससे विदेशी तकनीकों एवं विदेशी विक्रेताओं पर निर्भरता घटेगी तथा राष्ट्रीय सुरक्षा और मजबूत होगी।
- क्लाउड-नेटिव: इससे तीव्र अपग्रेड, स्केलेबिलिटी (विस्तार क्षमता) और भविष्य में 5G की ओर आसानी से बढ़ने में मदद मिलेगी।
- सुलभता में सुधार: आदिवासी क्षेत्रों, दूरदराज के गांवों और पहाड़ी इलाकों में गुणवत्तापूर्ण डिजिटल सेवाएं पहुंचाने में मदद मिलेगी।
- आपूर्ति श्रृंखला विकास: इससे स्थानीय स्तर पर विनिर्माण और परिनियोजन (deployment) से रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी तथा आपूर्तिकर्ता इकोसिस्टम मजबूत होगा। इसके अलावा, इससे कुशल घरेलू कार्यबल भी तैयार होगा।
- तकनीकी क्षमता: इस उपलब्धि के साथ भारत अब विश्व के उन चुनिंदा पांच देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास पूर्णतः स्वदेशी 4G सेवाएं शुरू करने की क्षमता है।
भारत में 5G और 6G तकनीक
- 5G नेटवर्क: इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध करवाने के लिए 2022 में लॉन्च किया गया था। वर्तमान में देश के अधिकांश जिलों में यह सेवा पहुंच चुकी है।
- 6G तकनीक: यह वर्तमान में विकास के चरण में है और इसके 2030 तक उपलब्ध होने की उम्मीद है।
- सरकार ने इसके लिए कई पहलें आरंभ की हैं, जैसे- भारत 6G विज़न, शैक्षणिक संस्थानों में 100 5G लैब्स की स्थापना, इंडिया 6G एलायंस का गठन आदि।