CPCB की एक रिपोर्ट में यह पाया गया है कि देश में ओज़ोन (O3) प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) है। इसके बाद दूसरे स्थान पर मुंबई महानगर प्रदेश (MMR) है।
ओज़ोन के बारे में
- ओज़ोन (O3) ऑक्सीजन का एक रूप है, जो ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनी है। यह वायुमंडल की दो परतों में पाई जाती है: समताप मंडल (ऊपरी परत) और क्षोभमंडल (जमीन की सतह से 10 किलोमीटर ऊपर तक)।
- समताप मंडल में मौजूद ओज़ोन परत पृथ्वी पर जीवन को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाती है।
- क्षोभमंडल में, यह एक वायु प्रदूषक है।
- सुरक्षित ओज़ोन स्तर आठ घंटे के लिए 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (µg/m³) और एक घंटे की सीमा 180 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
धरातलीय ओज़ोन (Ground-level Ozone) के बारे में
- धरातलीय ओज़ोन एक द्वितीयक (secondary) और वायुमंडल में कम समय तक रहने वाला प्रदूषक है। यह वातावरण में केवल कुछ घंटों से लेकर कुछ हफ्तों तक ही मौजूद रहती है।
- उत्तरदायी कारक: यह नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOC) के बीच रासायनिक अभिक्रिया से बनती है।
- मानव-निर्मित स्रोत: परिवहन, विद्युत संयंत्र, घरेलू गतिविधियां, कृषि संबंधी गतिविधियां आदि।
- प्राकृतिक स्रोत: NOx का मृदा-आधारित उत्सर्जन, वनाग्नि के कारण कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और जैवमंडलीय मीथेन उत्सर्जन आदि।
धरातलीय ओज़ोन के प्रभाव
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