बिहार में गोकुल जलाशय और उदयपुर झील को नए रामसर स्थलों के रूप में नामित किया गया है।
- इन दोनों को मान्यता मिलने के बाद, अब भारत में कुल 93 रामसर स्थल हो गए हैं। ये कुल 13,60,719 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले हुए हैं।
- बिहार में पहले से ही तीन रामसर स्थल हैं– बेगूसराय की काबर झील (काबर ताल) तथा जमुई जिले के नागी एवं नकटी पक्षी अभयारण्य।
नई आर्द्रभूमियों के बारे में

- दोनों आर्द्रभूमियां गोखुर (oxbow) झीलें हैं।
- गोखुर झील अर्धचंद्राकार झील होती है, जो किसी घुमावदार नदी के किनारे निर्मित होती है।
- गोकुल जलाशय, बक्सर जिले में गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर अवस्थित है।
- पश्चिम चंपारण जिले में अवस्थित उदयपुर झील उदयपुर वन्यजीव अभयारण्य से घिरी हुई है।
- यह कई प्रवासी पक्षियों खासकर पोचार्ड (अयथ्या फेरिना) जैसे पक्षियों के लिए, एक महत्वपूर्ण शीतकालीन विश्राम स्थल है।
रामसर कन्वेंशन के बारे में
- रामसर कन्वेंशन को 1971 में अपनाया गया था।
- यह यूनेस्को के तहत एक अंतर-सरकारी संधि है।
- उद्देश्य: यह संधि आर्द्रभूमियों और उनके संसाधनों के संरक्षण एवं उनके बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग के लिए फ्रेमवर्क प्रदान करती है।
- मानदंड: रामसर स्थल घोषित होने के लिए एक आर्द्रभूमि को 9 मानदंडों में से कम-से-कम 1 को पूरा करना होता है।
- जैसे कि नियमित रूप से 20,000 या अधिक जल पक्षियों को आश्रय प्रदान करना या जैविक विविधता का संरक्षण करना आदि।
- भारत ने 1982 में इस कन्वेंशन की अभिपुष्टि की थी।