राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, वर्ष 2023 के दौरान देश में आगजनी की दुर्घटनाओं के कुल 7,054 मामले दर्ज किए गए थे। इनके परिणामस्वरूप 6,891 मौतें हुई थीं।
- इनमें से 50% से अधिक घटनाएं आवासीय भवनों/ निवास स्थानों में दर्ज की गई थीं।
भारत में आगजनी के लिए उत्तरदायी कारक
- प्राकृतिक कारक: उष्ण व शुष्क जलवायु, प्रचलित पवनें, भूकंपीय सुभेद्यता आदि।
- उदाहरण के लिए- वर्ष 2023 में कोच्चि में ब्रह्मपुरम अपशिष्ट संयंत्र में अत्यधिक गर्मी के कारण आगजनी की घटना।
- डिज़ाइन और घनत्व: ऊंची इमारतों का अधिक घनत्व; निम्नस्तरीय व अवैध निर्माण; निर्माण में ज्वलनशील सामग्री का उपयोग आदि।
- उदाहरण के लिए- वर्ष 2004 में ज्वलनशील सामग्री के उपयोग के कारण तमिलनाडु के कुंभकोणम स्कूल में आगजनी की घटना।
- अपर्याप्त अनुपालन: फायर एग्जिट की कमी, संकरी सीढ़ियां आदि।
- उदाहरण के लिए- वर्ष 2023 में मुखर्जी नगर (दिल्ली) के एक कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना।
- सीमित संसाधन: वर्ष 2019 में आवश्यकता के विपरीत 5,191 फायर स्टेशनों और 5,03,365 कर्मियों की कमी थी।
- अन्य: जागरूकता की कमी; केंद्र द्वारा व्यवस्थित डेटासेट्स का अभाव, विद्युत की खराबी आदि।
भारत में मौजूदा अग्नि सुरक्षा विनियम
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आगे की राह
- तकनीकी एकीकरण: AI-आधारित जोखिम मूल्यांकन करना चाहिए, घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए मोबाइल एप्लिकेशन बनानी चाहिए आदि।
- फायर स्टेशन की अनुकूल अवस्थिति: इनके लिए स्थान का चयन सड़क नेटवर्क और यातायात की वास्तविकताओं के अनुरूप होना चाहिए।
- सुरक्षित वित्त-पोषण की व्यवस्था: उदाहरण के लिए- उपकरण, अवसंरचना आदि के उन्नयन हेतु 'अग्नि कर' की शुरुआत करनी चाहिए।
- अनुपालन सुनिश्चित करना: अनापत्ति प्रमाण-पत्र (NOCs) स्वीकार करने से पहले उचित जांच करनी चाहिए; लाइसेंस स्वीकृत करने में शामिल अधिकारियों के लिए जवाबदेही तंत्र सुनिश्चित करना चाहिए।
- सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन करना: उदाहरण के लिए- चीन द्वारा सख्त अग्निशमन प्रवर्तन और निवासियों को जोखिमों एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया के बारे में शिक्षित करने के लिए समुदाय-आधारित आगजनी रोकथाम कार्यक्रम।