इस अवसर पर दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी की 10वीं वर्षगांठ भी मनाई। इस अवसर पर मंगोलिया के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर भी किए गए।
हस्ताक्षरित प्रमुख समझौता ज्ञापनों (MoUs) के बारे में

- विकास सहयोग: दोनों देशों ने मंगोल ऑयल रिफाइनरी प्रोजेक्ट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस प्रोजेक्ट को भारत द्वारा 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण सहायता से परिचालित किया जा रहा है।
- सांस्कृतिक संबंध: लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद और मंगोलिया के अरखानगाई प्रांत के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- आध्यात्मिक सहयोग: भारत भगवान बुद्ध के दो शिष्यों सारिपुत्र और मौद्गल्यायन के पवित्र अवशेष मंगोलिया भेजेगा। साथ ही, मंगोलिया की 10 लाख प्राचीन बौद्ध पांडुलिपियों को डिजिटाइज करने में मदद भी करेगा। भारत नालंदा विश्वविद्यालय और गंदन मठ के बीच आध्यात्मिक संबंध भी स्थापित करेगा।
- अन्य:
- मंगोलियाई नागरिकों को निशुल्क ई-वीजा प्रदान करना।
- तीसरे देशों के बंदरगाहों की क्षमताओं के माध्यम से व्यापार को बढ़ाना।
- यूरेनियम, आपूर्ति श्रृंखला और महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग को मजबूत करना।
भारत के लिए मंगोलिया का महत्त्व
- सामरिक महत्त्व: मंगोलिया की सामरिक अवस्थिति भारत के लिए क्षेत्रीय स्थिरता और भू-राजनीतिक संतुलन बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- अंतर्राष्ट्रीय और विकास सहयोग: दोनों देश मुक्त, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत के साथ-साथ बहुपक्षीय मंचों पर भी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- ऊर्जा और आर्थिक साझेदारी: मंगोलिया के पास कोकिंग कोल का विशाल भंडार है, जो भारत के इस्पात उद्योग के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।
भारत-मंगोलिया संबंध
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