केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री के अनुसार, चेन्नई-व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री गलियारे का परिचालन शुरू हुआ | Current Affairs | Vision IAS
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केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री के अनुसार, चेन्नई-व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री गलियारे का परिचालन शुरू हुआ

Posted 21 Nov 2024

10 min read

इसे पूर्वी समुद्री गलियारा (Eastern Maritime Corridor (EMC) के नाम से भी जाना जाता है। इससे भारत और रूस के बीच समुद्री संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।

पूर्वी समुद्री गलियारे (EMC) के बारे में

  • इसका विचार 2019 में रूस के व्लादिवोस्तोक में पूर्वी आर्थिक मंच (Eastern Economic Forum) की बैठक के दौरान प्रस्तुत किया गया था।
  • इसका उद्देश्य पूर्वोत्तर एशिया से होकर भारतीय पत्तन चेन्नई और रूस के व्लादिवोस्तोक के बीच समुद्री मार्ग विकसित करना है।
  • इस समुद्री मार्ग की लम्बाई 10,300 किमी है।
  • यह मलक्का जलडमरूमध्य, दक्षिण चीन सागर, जापान सागर आदि से होकर गुजरता है।

इस कॉरिडोर का महत्त्व

  • लॉजिस्टिक की लागत में कमी: इससे परिवहन के समय में लगभग 16 दिनों की कमी होगी और दूरी में लगभग 40% तक की कमी आएगी। 
    • वर्तमान में मुंबई और सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) के बीच स्वेज नहर के माध्यम से माल आवाजाही में लगभग 40 दिन का समय लगता है और लगभग 16,066 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।
  • भारत के समुद्री क्षेत्रक को बढ़ावा देना: यह क्षेत्रक देश के व्यापार का मात्रा के हिसाब से लगभग 95% और मूल्य के हिसाब से 70% व्यापार संभालता है।
    • यह मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 में योगदान करता है, जिसमें समुद्री क्षेत्रक के सभी क्षेत्रों से 150 से अधिक पहलें शामिल हैं।
  • चीन के प्रभुत्व से निपटना: यह समुद्री मार्ग दक्षिण-चीन सागर से भी होकर गुजरता है।
    • व्लादिवोस्तोक, रूस-चीन सीमा से थोड़ी दूरी पर स्थित है।
  • भारत की एक्ट फार ईस्ट नीति को बढ़ावा: यह भारत को रूसी संसाधनों तक बेहतर पहुंच प्रदान करता है और पैसिफिक ट्रेड नेटवर्क में भारत की स्थिति को मजबूत भी करता है।

अन्य महत्वपूर्ण समुद्री गलियारे

  • भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (India-Middle East-Europe Economic Corridor: IMEEC): इसकी घोषणा 2023 में नई दिल्ली में आयोजित G-20 लीडर्स शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी। यह एशिया, यूरोप और मध्य पूर्व को आपस में जोड़ता है। 
  • अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (International North-South Transport Corridor: INSTC): इस परिवहन गलियारे के निर्माण का विचार पहली बार वर्ष 2000 में प्रस्तुत किया गया था। इसका उद्देश्य रूस के बाल्टिक सागर तट को ईरान के माध्यम से अरब सागर में भारत के पश्चिमी बंदरगाहों से जोड़ना है। 
  • Tags :
  • Maritime Corridor
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  • INSTC
  • चेन्नई-व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री गलियारा
  • भारत और रूस
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