सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में पटाखों के उपयोग में अस्थायी राहत देते हुए, सरकार द्वारा अनुमोदित ग्रीन पटाखों के सीमित उपयोग की अनुमति दी है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य निर्देशों पर एक नजर
- पटाखों का उपयोग केवल निर्धारित दिनों और समयावधि में ही किया जा सकेगा।
- केवल NEERI द्वारा स्वीकृत पटाखे ही अधिकृत आउटलेट के माध्यम से बेचे जा सकते हैं।
- प्रतिबंधित रसायनों वाले पटाखे या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचे जाने वाले पटाखे अब भी प्रतिबंधित रहेंगे।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) इस अवधि के दौरान अस्थायी राहत के प्रभाव का आकलन करने के लिए वायु गुणवत्ता की निगरानी करेगा।
महत्त्व
- सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक परंपराओं के बीच एक व्यावहारिक संतुलन को दर्शाता है। यह संतुलन लोक स्वास्थ्य और उत्सव की भावनाओं दोनों का सम्मान करने की आवश्यकता को पहचानता है।
- इस अवधि के दौरान एकत्र किए गए वायु गुणवत्ता डेटा के आधार पर, यह साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के लिए एक पायलट पहल के रूप में भी काम कर सकता है।
ग्रीन पटाखे क्या हैं?
- ग्रीन पटाखे CSIR–NEERI द्वारा विकसित किए गए हैं। इन्हें पारंपरिक पटाखों की तुलना में पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
- ये पूरी तरह प्रदूषण-मुक्त नहीं हैं, लेकिन इनसे पार्टिकुलेट मैटर के उत्सर्जन में कम-से-कम 30% की कमी होती है। इनमें बेरियम नाइट्रेट, आर्सेनिक, लिथियम, और पारा जैसे हानिकारक रसायन भी नहीं होते है।
- इन्हें पहली बार “अर्जुन गोपाल बनाम भारत संघ (2018)” के फैसले के बाद पेश किया गया था, जब पारंपरिक पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया था।
