केंद्र सरकार ने वर्तमान भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से अगले CJI के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध किया | Current Affairs | Vision IAS
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केंद्र सरकार ने वर्तमान भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से अगले CJI के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध किया

Posted 24 Oct 2025

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केंद्र सरकार ने मुख्य न्यायाधीश से उत्तराधिकारी की सिफारिश करने का अनुरोध किया है, जिसमें नियुक्ति प्रक्रिया, कॉलेजियम प्रणाली और भारत में पारदर्शिता, जवाबदेही और न्यायिक सुधारों पर चल रही चिंताओं पर प्रकाश डाला गया है।

मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (MoP) भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करता है।

  • CJI और सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 124 की धारा (2) के तहत राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

CJI और सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति कैसे होती है?

  • CJI की नियुक्ति
    • वरिष्ठता का सिद्धांत: परंपरागत रूप से, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश को CJI के रूप में पदोन्नत किया जाता है।
    • सरकार की प्रक्रिया: केंद्र सरकार वर्तमान CJI  से आमतौर पर उसकी सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले अगले CJI के नाम की सिफारिश करने के लिए कहती है।
    • CJI द्वारा सिफारिश: CJI विधि मंत्रालय को एक औपचारिक सिफारिश भेजता है, जिसमें सबसे वरिष्ठतम पात्र न्यायाधीश का नाम होता है।
    • अनुमोदन एवं नियुक्ति: प्रधान मंत्री के अनुमोदन के बाद राष्ट्रपति नियुक्ति का आदेश जारी करता है। 
  • अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति
  • सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा कॉलेजियम की सिफारिशों के आधार पर की जाती है। कॉलेजियम में CJI और सुप्रीम कोर्ट के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
    • हाई कोर्ट के न्यायाधीश: कॉलेजियम (CJI और सुप्रीम कोर्ट दो वरिष्ठतम न्यायाधीश) की सिफारिशों के आधार पर अनुच्छेद 217 के तहत राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।
  • कॉलेजियम प्रणाली का विकास थ्री जजेस केसेस (1981, 1993, और 1998) के माध्यम से हुआ है।

न्यायाधीशों की नियुक्तियों/ कॉलेजियम प्रणाली से संबंधित चिंताएं

  • पारदर्शिता का अभाव: कॉलेजियम के विचार-विमर्श गोपनीय होते हैं और नियुक्तियों के कारणों का खुलासा शायद ही कभी किया जाता है।
  • जवाबदेही: कॉलेजियम के निर्णयों की समीक्षा के लिए कोई औपचारिक तंत्र नहीं है।
  • कार्यपालिका की सीमित भूमिका: इससे न्यायपालिका में शक्ति का संकेन्द्रण बना रहता है। 

99वां संविधान संशोधन और NJAC अधिनियम (2014)

  • राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) के माध्यम से न्यायाधीशों की नियुक्तियों में सुधार का प्रयास किया गया था।
  • 2015 (फोर्थ जजेस केस) में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस अधिनियम को खारिज कर दिया गया तथा कॉलेजियम प्रणाली को बरकरार रखा। 
  • Tags :
  • Collegium System
  • Judicial Appointments
  • Chief Justice of India (CJI)
  • Memorandum of Procedure (MoP)
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