इन नियमों को दूरसंचार विभाग (DoT) ने 2024 के नियमों में संशोधन के रूप में अधिसूचित किया है।
मुख्य नियमों पर एक नजर
- टेलीकम्युनिकेशन आइडेंटिफायर यूजर एंटिटीज़ (TIUEs): यह एक नई श्रेणी बनाई गई है। इसमें वे सभी व्यवसाय शामिल होंगे, जो ग्राहकों की पहचान या सेवाएं प्रदान करने के लिए फोन नंबर का उपयोग करते हैं। हालांकि, लाइसेंस प्राप्त टेलीकॉम ऑपरेटर इसमें शामिल नहीं हैं।
- इसका अर्थ है कि अब ज़ोमैटो, फोनपे, पेटीएम, उबर जैसे ऐप्स और मैसेजिंग सेवाएं भी एयरटेल एवं जियो जैसे ऑपरेटर्स की तरह ही विनियामक ढांचे के अंतर्गत आएंगी।
- मोबाइल नंबर सत्यापन (MNV) प्रणाली: केंद्र सरकार एक नई प्रणाली बनाएगी, जिससे यह सत्यापित किया जा सकेगा कि उपयोगकर्ता द्वारा दिया गया फोन नंबर वास्तव में वैध टेलीकॉम ग्राहक का है या नहीं।
- दूरसंचार उपकरणों के उपयोग और बिक्री का विनियमन: निर्माताओं को यह निर्देश दिया गया है कि वे पहले से उपयोग में लाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (IMEI) नंबरों को आवंटित न करें तथा छेड़छाड़ किए गए या प्रतिबंधित IMEIs के लिए एक डेटाबेस बनाए रखें।
संशोधन की आवश्यकता क्यों है?
- बढ़ती साइबर सुरक्षा घटनाओं से निपटना: 2022 में 10.29 लाख तथा 2024 में 22.68 लाख साइबर घटनाएं दर्ज की गई थीं, जो डिजिटल खतरों के तेजी से बढ़ते स्तर व जटिलता को दर्शाती हैं।
- प्रभावी सत्यापन: यह बैंकों और बीमा कंपनियों को नए खाते खोलते समय ग्राहकों के मोबाइल नंबरों की सत्यता जांचने में मदद करेगा।
- उभरते खतरों का समाधान: उदाहरण के लिए- धोखाधड़ी करने वाले फ्रॉड के माध्यम से हासिल किए गए नंबरों द्वारा यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को निशाना बना रहे हैं।
दूरसंचार साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के अन्य उपाय
- फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI): इसे दूरसंचार विभाग (DoT) ने लॉन्च किया है। यह संदिग्ध नंबरों को मध्यम, उच्च, या बहुत उच्च-जोखिम वाले नंबरों के रूप में वर्गीकृत करता है।
- डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023: यह अधिनियम डेटा रखने वाली संस्थाओं पर कड़े सुरक्षा उपाय अपनाने की जिम्मेदारी डालता है।
- अक्टूबर, 2025 तक धोखाधड़ी गतिविधियों से जुड़े 9.42 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2.6 लाख IMEIs ब्लॉक किए जा चुके हैं।