इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना (ECMS) के तहत 7 परियोजनाएं स्वीकृत की गई | Current Affairs | Vision IAS
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ECMS के अंतर्गत सात परियोजनाओं का उद्देश्य घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना तथा उत्पादन और निर्यात में तीव्र वृद्धि के बीच भारत को एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी बनाना है।

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इन परियोजनाओं से स्मार्टफोन, ऑटोमोबाइल, चिकित्सा उपकरण, दूरसंचार और औद्योगिक प्रणालियों में इस्तेमाल होने वाले पुर्जों का बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव होगा।

  • इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना (ECMS) अप्रैल 2025 में 22,919 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ शुरू की गई थी।

इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना (ECMS) के बारे में

  • उद्देश्य: देश में इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण के लिए एक मजबूत और आत्मनिर्भर इकोसिस्टम का निर्माण करना।
  • इस योजना का मुख्य फोकस-
    • मूल्य श्रृंखला में घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के निवेश को आकर्षित करना; 
    • उच्च घरेलू मूल्यवर्धन को बढ़ावा देना; तथा 
    • भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करना है। 
  • नोडल मंत्रालय: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeiTY)।
  • लक्षित सेग्मेंट्स: इनमें सब-असेंबली (जैसे: डिस्प्ले और कैमरा मॉड्यूल), बेयर कंपोनेंट्स (जैसे: नॉन-सर्फेस माउंट डिवाइस) आदि शामिल हैं। 
  • अवधि:
    • टर्नओवर से संबद्ध प्रोत्साहन: 6 वर्ष, जिसमें 1 वर्ष की प्रारंभिक अवधि शामिल है।
    • पूंजीगत व्यय प्रोत्साहन: 5 वर्ष।

भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रक

  • यह देश की GDP में लगभग 3.4% का योगदान देता है।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 2014-15 में 1.9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 11.3 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो 6 गुना वृद्धि दर्शाता है।
    • इसी अवधि में निर्यात 38,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 3.27 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 8 गुना वृद्धि को दर्शाता है।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स 2024-25 में भारत की तीसरी सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती निर्यात श्रेणी बनकर उभरा है। यह निर्यात के मामले में 2021-22 में सातवें स्थान पर था।
  • भारत अब विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है।
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