यह प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति, 2022 के विज़न को लागू करने में मदद करेगा।
- भारतीय सर्वेक्षण विभाग भू-स्थानिक डेटा के लिए प्रमुख नोडल एजेंसी है।
- भू-स्थानिक डेटा (Geospatial Data) वह समय-आधारित जानकारी होती है, जो पृथ्वी की सतह के किसी विशेष स्थान से जुड़ी होती है।
राष्ट्रीय भू-स्थानिक प्लेटफॉर्म (NGP) के बारे में
- उद्देश्य: यह भू-स्थानिक डेटासेट्स के मानकीकरण, साझाकरण और प्रबंधन के लिए एक मजबूत व मापनीय प्रणाली के रूप में काम करेगा।
- यह वेब सेवाओं, एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से सटीक एवं प्रामाणिक स्थानिक डेटा तक आसान व निर्बाध पहुंच प्रदान करेगा।
समावेशी और सतत विकास के लिए भू-स्थानिक डेटा का उपयोग
- कृषि: परिशुद्ध कृषि, मृदा स्वास्थ्य के मानचित्रण और सिंचाई प्रबंधन को बेहतर बनाने में।
- लॉजिस्टिक्स और परिवहन: एकीकृत अवसंरचना योजना को सक्षम बनाने में। उदाहरण के लिए- पी.एम. गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान।
- शहरी नियोजन एवं अवसंरचना: हाई-रिज़ॉल्यूशन वाले स्थलाकृतिक सर्वेक्षण (5–10 सेमी की सटीकता) एवं प्रमुख शहरों के लिए नेशनल डिजिटल ट्विन के विकास के माध्यम से शहरी डिजाइन में सुधार करने में।
- उदाहरण के लिए- अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत/ AMRUT) शहरों के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) पर आधारित मास्टर प्लान।
- अन्य: उच्च गुणवत्ता वाले स्थानिक डेटा और जानकारी के माध्यम से पर्यावरण की बेहतर निगरानी व सुरक्षा करने में; आपदा प्रबंधन, आदि।
राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति, 2022
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