राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने वैज्ञानिक नदी प्रबंधन को मजबूत करने के लिए अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी दी | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

    राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) ने वैज्ञानिक नदी प्रबंधन को मजबूत करने के लिए अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी दी

    Posted 18 Nov 2025

    1 min read

    Article Summary

    Article Summary

    एनएमसीजी वैज्ञानिक नदी प्रबंधन, भू-स्थानिक डेटा प्रणालियों और बेसिन-व्यापी नीतियों के लिए अनुसंधान परियोजनाओं को मंजूरी देता है, जिसका उद्देश्य गंगा बेसिन में डेटा-आधारित योजना और सतत जल संसाधन प्रबंधन को बढ़ाना है।

    राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) की कार्यकारी समिति ने अनुसंधान आधारित नदी कायाकल्प (rejuvenation) पर जोर दिया। साथ ही, गंगा बेसिन में वैज्ञानिक समझ और डेटा-संचालित नियोजन को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रमुख शोध परियोजनाओं को अनुमति दी।

    अनुमोदित वैज्ञानिक नदी प्रबंधन परियोजनाएं निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों को शामिल करती हैं-

    • प्रमुख हिमालयी गंगा हेडस्ट्रीम ग्लेशियरों की निगरानी;
    • गंगा के लिए डिजिटल ट्विन का विकास;
    • उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले सोनार (SONAR) आधारित नदी तक सर्वेक्षण;
    • प्राचीन जलमार्गों (paleochannels) के माध्यम से प्रबंधित जलभृत पुनर्भरण; तथा 
    • एक ऐतिहासिक भू-स्थानिक नदी डेटाबेस का निर्माण।

    नदी बेसिन प्रबंधन (RBM) के बारे में

    RBM उन सभी प्राकृतिक एवं कृत्रिम संरचनाओं और प्रक्रियाओं के प्रबंधन को संदर्भित करता है जो नदी बेसिन के सभी जल संसाधनों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। इसके प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:

    • संस्थागत व्यवस्था: आवश्यक प्रशासनिक निकायों का निर्माण, जैसे कि राष्ट्रीय गंगा परिषद, NMCG, राज्य गंगा समितियां आदि।
    • सूचना प्रणाली: ऐतिहासिक मानचित्रों, नदी तल (riverbed) के उच्च-रिज़ॉल्यूशन सर्वेक्षणों, रिमोट सेंसिंग उपग्रह डेटा आदि का उपयोग करके एक भू-स्थानिक नदी डेटाबेस का निर्माण करना।
      • उदाहरण: NMCG ने गंगा नदी के लिए एक भू-स्थानिक नदी डेटाबेस के निर्माण को मंजूरी दी है।
    • बेसिन-व्यापी नीतियां: संरक्षित क्षेत्रों की पहचान करना, भविष्य की जल आपूर्ति और मांग का आकलन करना, तथा उपयुक्त जल संरक्षण एवं पुनर्भरण उपाय लागू करना।
    • हितधारक: सभी प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक हितधारकों को सक्रिय करना, जिनमें राष्ट्रीय एजेंसियां व स्थानीय सरकारें, नागरिक समाज संगठन और शेष निजी क्षेत्र शामिल होता है।
    • प्रदर्शन संकेतक: जल गुणवत्ता, प्रदूषण के स्तर, पारिस्थितिक खतरों के मानचित्रण, वित्तीय स्थिरता, संस्थागत क्षमता आदि का विश्लेषण करने के लिए निगरानी नेटवर्क स्थापित करना।
      • उदाहरण: गंगा बेसिन के लिए डिजिटल ट्विन मॉडल वास्तविक समय में नदी प्रबंधन का मॉडल तैयार करेगा।
    • Tags :
    • NMCG
    • River Basin Management
    Watch News Today
    Subscribe for Premium Features