केंद्रीय खान मंत्रालय ने 'आकांक्षी DMF कार्यक्रम' के लिए परिचालन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसका उद्देश्य आकांक्षी जिला कार्यक्रम (ADP) और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (ABP) के साथ जिला खनिज प्रतिष्ठान (DMF) पहलों को जोड़ना है।
- ये दिशा-निर्देश प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY) पर आधारित हैं। इस योजना का उद्देश्य जिला खनिज प्रतिष्ठान (DMF) निधि के माध्यम से खनन कार्यों से प्रभावित क्षेत्रों का विकास करना है।
- आकांक्षी जिला कार्यक्रम (ADP) और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (ABP) नीति आयोग की पहलें हैं। इनका उद्देश्य देश भर में सबसे अविकसित जिलों/ ब्लॉक्स को तेजी से और प्रभावी ढंग से बेहतर बनाना है।
आकांक्षी DMF कार्यक्रम के बारे में
- उद्देश्य: DMF कार्यों को ADP/ ABP के प्रमुख क्षेत्रकों और प्रदर्शन संकेतकों के साथ जोड़ना, ताकि खनन से प्रभावित समुदायों के लिए बेहतर लाभ व अच्छे परिणाम मिल सकें।
- इसके तहत प्राथमिकता वाले क्षेत्रक:
- स्वास्थ्य और पोषण;
- शिक्षा;
- कृषि एवं जल संसाधन;
- कृषि व संबद्ध गतिविधियां;
- अवसंरचना;
- सामाजिक विकास;
- वित्तीय विकास और कौशल विकास।
- आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स की पहचान करना: वर्तमान में, 106 आकांक्षी जिलों और 473 आकांक्षी ब्लॉक्स को DMF के साथ जोड़ा गया है तथा इनकी संख्या में समय के साथ बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
जिला खनिज प्रतिष्ठान (DMF) के बारे में
- DMF की स्थापना खान और खनिज (विकास और विनियमन) (MMDR) अधिनियम, 1957 की धारा 9(B) के तहत की गई है। यह धारा 2015 में संशोधन के माध्यम से अधिनयम में जोड़ी गई थी। DMF एक गैर-लाभकारी निकाय के रूप में काम करता है।
- उद्देश्य: खनन संबंधी कार्यों से प्रभावित व्यक्तियों और क्षेत्रों के हित एवं लाभ के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित तरीके से कार्य करना।