नीति आयोग और आईबीएम ने वर्ष 2047 तक भारत को विश्व की शीर्ष तीन क्वांटम अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने के लिए रोडमैप जारी किया | Current Affairs | Vision IAS
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इस रोडमैप का उद्देश्य एक मजबूत क्वांटम पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना और रणनीतिक प्रतिभा निर्माण और नवाचार अभियान के माध्यम से 2047 तक भारत को शीर्ष वैश्विक क्वांटम अर्थव्यवस्थाओं में स्थान दिलाना है।

In Summary

यह रोडमैप “भारत को क्वांटम-संचालित अग्रणी अर्थव्यवस्था में रूपांतरण (Transforming India into a leading Quantum-Powered Economy)” शीर्षक से जारी किया गया। 

  • इसका उद्देश्य भारत में स्वदेशी क्वांटम कंप्यूटिंग इकोसिस्टम विकसित करना और वैश्विक क्वांटम बाज़ार में बड़ी हिस्सेदारी प्राप्त करने में मदद करना है।
  • इसका लक्ष्य भारत में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कम से कम 10 क्वांटम स्टार्टअप्स को विकसित करना है। इनमें से प्रत्येक स्टार्टअप का राजस्व 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक होगा। साथ ही, 2035 तक वैश्विक क्वांटम सॉफ्टवेयर एवं सर्विसेज बाज़ार मूल्य में इनकी 50% से अधिक हिस्सेदारी होगी। 

भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकी की वर्तमान स्थिति

  • प्रतिभाओं की संख्या: भारत में क्वांटम-संबंधित क्षेत्रों में स्नातक विद्यार्थियों की संख्या लगभग 91,000 है। इस मामले में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है। केवल यूरोपीय संघ (EU) ही भारत से आगे है।
  • राज्य-स्तरीय प्रतिस्पर्धा: विभिन्न राज्य अपने-अपने क्वांटम इकोसिस्टम विकसित कर रहे हैं। उदाहरण के लिए: 
    • कर्नाटक ने क्वांटम रिसर्च पार्क (QuRP) स्थापित किया है।
    • आंध्र प्रदेश ने हाल ही में अमरावती क्वांटम वैली (AQV) लॉन्च किया है। 

रोडमैप में की गईं मुख्य सिफारिशें

  • क्वांटम कार्यबल को बढ़ाना: अगले 2–3 वर्षों में वैज्ञानिक, जटिल इंजीनियरिंग और उद्योग में कार्य करने के लिए कुशल पेशेवर कार्यबल तैयार करना चाहिए।
  • क्वांटम के लिए शीर्ष 3–5 अवसर क्षेत्रों को प्राथमिकता देना: सुरक्षित संचार, स्वास्थ्य-देखभाल एवं फार्मा, क्रायोजेनिक्स, वित्तीय सेवाएँ, लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रक।
  • लैब के शोध के बाद प्रौद्योगिकी के बाजार में प्रवेश की प्रक्रिया को तेज करना: दो वर्षों के भीतर अनुसंधान, प्रौद्योगिकी के प्रमाणीकरण और लैब से बाज़ार तक प्रौद्योगिकी को पहुंचाने की प्रक्रियाओं को अधिक सरल और तेज़ बनाने की आवश्यकता है।
  • वैश्विक मानक-निर्धारण में नेतृत्व प्रदान करना: भारत को मानक-निर्धारण करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए और क्वांटम प्रौद्योगिकी से संबंधित वैश्विक मानकों के निर्माण का नेतृत्व करना चाहिए। इससे भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में आसानी से प्रवेश मिल सकेगा।
  • भारतीयों द्वारा स्थापित स्टार्टअप के लिए भारत को आकर्षक बनाना: इससे 90% से अधिक डीप-टेक स्टार्टअप्स भारत में ही पंजीकृत रहने को प्राथमिकता देंगे और उन्हें विदेश पलायन करने से रोकने में मदद मिलेगी। 

क्वांटम प्रौद्योगिकी के बारे में

  • परिभाषा: क्वांटम प्रौद्योगिकी वह तकनीक है, जो क्वांटम यांत्रिकी (उप-परमाण्विक कणों की भौतिकी) पर आधारित सिद्धांतों का उपयोग करती है। क्वांटम यांत्रिकी में शामिल हैं; क्वांटम एंटेंगलमेंट और क्वांटम सुपरपोज़िशन। 
  • यह चार प्रमुख क्षेत्रों में वर्गीकृत है:
    • क्वांटम कंप्यूटिंग
    • क्वांटम संचार {जैसे क्वांटम कुंजी वितरण (QKD)}
    • क्वांटम सेंसिंग एवं मेट्रोलॉजी
    • क्वांटम पदार्थ। 
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