लार्ज एक्सपोजर्स फ्रेमवर्क (Large Exposures Framework - LEF) सीमाएं
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने विदेशी बैंकों के लिए उनकी विदेशी शाखाओं के संबंध में लार्ज एक्सपोजर्स फ्रेमवर्क (Large Exposures Framework: LEF) सीमाओं जैसे नियमों को सख्त किया है।
लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क (LEF) सीमाओं के बारे में
- LEF एक विवेकपूर्ण विनियमन है। इसका उद्देश्य संकेंद्रण जोखिम को नियंत्रित करना है। इसके लिए यह सीमित करता है कि कोई एकल उधारकर्ता या संबंधित उधारकर्ताओं का समूह एक बैंक से कितना उधार ले सकता है, या किसी बैंक का उन पर कितना एक्सपोजर हो सकता है।
- एक "लार्ज एक्सपोजर" को किसी प्रतिपक्ष (counterparty) (या संबंधित प्रतिपक्षों के समूह) को दिए गए ऐसे किसी भी एक्सपोजर के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो बैंक के पात्र पूंजी आधार के 10% के बराबर या उससे अधिक हो।
RBI द्वारा हालिया बदलाव
- इसने LEF और अंतर-समूह लेनदेन और एक्सपोजर्स (Intragroup Transactions and Exposures: ITE) में संशोधन किया है। साथ ही, लार्ज एक्सपोजर्स और अंतर-समूह लेन-देनों की गणना के लिए कुछ पद्धतिगत मानदंडों को स्पष्ट किया है।
- इसने बैंकों से एकल प्रतिपक्षों, परस्पर जुड़े समूहों और विशिष्ट क्षेत्रकों से संबंधित संकेंद्रण जोखिमों के प्रबंधन के लिए मजबूत नीतियां बनाने को भी कहा है।
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- Large Exposures Framework
यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन (OSCE)
यूक्रेन ने यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन (OSCE) में कहा है कि वह रूस के साथ 'वास्तविक शांति चाहता है, तुष्टीकरण नहीं'।
OSCE के बारे में (सचिवालय: वियना)
- यह विश्व का सबसे बड़ा क्षेत्रीय सुरक्षा संगठन है।
- भागीदार देश: उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के 57 देश (भारत सदस्य नहीं है)।
- सभी भागीदार देशों की समान स्थिति है और निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाते हैं।
- शासनादेश (Mandate): यह एक अरब से अधिक लोगों के लिए स्थिरता, शांति और लोकतंत्र के लिए कार्य करता है। यह साझा मूल्यों के बारे में राजनीतिक संवाद और स्थायी बदलाव लाने वाले व्यावहारिक कार्यों के माध्यम से अपना यह कार्य संपन्न करता है।
- शासन संरचना: शिखर सम्मेलन (निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय), सुरक्षा सहयोग के लिए मंच (सुरक्षा के राजनीतिक-सैन्य आयाम से संबंधित) आदि।
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- Organization for Security and Co-operation in Europe (OSCE
महाड़ सत्याग्रह
महाड़, भारत के पहले मानवाधिकार आंदोलनों में से एक का जन्मस्थान है। इस सत्याग्रह की शुरुआत डॉ. बी. आर. अम्बेडकर ने की थी।
महाड़ सत्याग्रह के बारे में
- तिथि और स्थान: 20 मार्च 1927 को चावदार ताल, महाड़ (महाराष्ट्र) में शुरू हुआ।
- उद्देश्य: जातिगत भेदभाव के कारण अस्पृश्यों को सार्वजनिक पेयजल तक पहुंच के अधिकार से वंचित किया जाता था। इसका उद्देश्य इस अधिकार को सुरक्षित करना था।
- डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के प्रमुख सहयोगियों में आनंदराव चित्रे, बापू सहस्त्रबुद्धे, संभाजी गायकवाड़, रामचंद्र मोरे आदि शामिल थे।
- प्रतीकात्मक कार्य: अम्बेडकर और अन्य सत्याग्रहियों ने यह दावा करते हुए कि जल जैसे आवश्यक संसाधनों पर उच्च जातियों का एकाधिकार नहीं हो सकता सार्वजनिक हौज से पानी पिया।
- वैचारिक संदेश: जल एक बुनियादी मानवाधिकार है, न कि जातिगत विशेषाधिकार। इसका उद्देश्य अस्पृश्यता में निहित सामाजिक बहिष्कार को खंडित करना था।
- मनुस्मृति दहन: 25 दिसंबर 1927 को, अम्बेडकर ने सार्वजनिक रूप से मनुस्मृति को जलाया। इसके माध्यम से सांकेतिक रूप से जाति व्यवस्था को खारिज किया गया था।
- महत्त्व: यह अम्बेडकर के नेतृत्व में दलितों का पहला बड़ा नागरिक अधिकार आंदोलन था।
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- Mahad satyagraha
गरुड़ शक्ति
अभ्यास गरुड़ शक्ति हिमाचल प्रदेश के बकलोह में स्पेशल फोर्सेज ट्रेनिंग स्कूल में शुरू हुआ।
अभ्यास गरुड़ शक्ति के बारे में
- प्रकार: द्विपक्षीय।
- भागीदार देश: भारत-इंडोनेशिया संयुक्त विशेष बल।
- संस्करण: 10वां संस्करण।
- उद्देश्य: विशेष बलों के बीच आपसी समझ, सहयोग और अंतरसंचालनीयता को मजबूत करना।
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- GARUDA SHAKTI
अफार क्षेत्र
वैज्ञानिकों ने प्लेट टेक्टोनिक सिद्धांत का विश्लेषण करने के लिए अफार क्षेत्र को चुना।
अफार क्षेत्र के बारे में
- यह इथियोपिया के पूर्वोत्तर भाग को कवर करता है, जहां लाल सागर अदन की खाड़ी से मिलता है।
- यहां तीन भ्रंश प्रणालियों का अभिसरण होता है, जो एक त्रिसंगम बनाती हैं। ये हैं- मुख्य इथियोपियाई, लाल सागर और अदन की खाड़ी भ्रंश।
- अफार अवसाद या दनाकिल अवसाद: यह उत्तरी भाग का निर्माण करता है। यह बड़े पैमाने पर उथली खारी झीलों और ज्वालामुखियों वाला एक रेगिस्तानी झाड़ीयुक्त क्षेत्र है।
- अवाश नदी घाटी: यह दक्षिणी भाग बनाती है।
- इस क्षेत्र का अधिकांश भाग समुद्र तल से नीचे है और यह पृथ्वी के सबसे गर्म स्थानों में से एक है।
- यह 'लूसी' सहित शुरुआती होमिनिड जीवाश्मों के लिए विख्यात है, जो एक ऑस्ट्रेलोपिथेकस अफ़रेन्सिस (Australopithecus afarensis) प्रजाति थी।
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- Afar Region
कार्तिगाई दीपम महोत्सव (Karthigai Deepam Festival)
तमिलनाडु में कार्तिगाई दीपम महोत्सव शुरू हुआ।
कार्तिगाई दीपम महोत्सव के बारे में
- यह कार्तिगाई (नवंबर-दिसंबर) के महीने में आने वाला तीन दिवसीय त्यौहार है।
- यह पूर्णिमा या पौर्नामी के दिन से शुरू होता है।
- इसमें मिट्टी के तेल के दीपक या अगल विलक्कू जलाए जाते हैं, ताकि बुरी आत्माओं को दूर किया जा सके।
- इसमें भगवान कार्तिकेय या भगवान मुरुगन की पूजा की जाती है।
- इसका उल्लेख तमिल साहित्य ‘अहनानुरू’ में मिलता है, जो संगम साहित्य की महान कृतियों में से एक है।
- अव्वैयार (जो संगम युग की एक प्रसिद्ध महिला थीं) ने भी अपनी कविताओं में इसका उल्लेख किया है।
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- Karthigai Festival
तमिलनाडु के नए GI टैग वाले उत्पाद
तमिलनाडु ने भौगोलिक संकेतक (GI) उत्पादों की अपनी सूची में पांच और उत्पाद जोड़े हैं।
नए GI उत्पादों में निम्नलिखित शामिल हैं
- वोरैयूर सूती साड़ी: तिरुची जिले की मूल कारीगरी।
- कविंदपडी नट्टू सक्कारै: एक गुड़ पाउडर।
- नमक्कल मक्कल पतिरांगल: सोपस्टोन (खड़िया पत्थर) के बर्तन।
- थूयामल्ली चावल की किस्म: थूयामल्ली का अर्थ है 'शुद्ध चमेली’। यह 135 से 140 दिनों में उगाई जाने वाली एक पारंपरिक साम्भा-सीज़न चावल की किस्म है।
- अम्बासमुद्रम चोप्पू सामान: लकड़ी के खिलौने।
GI टैग के बारे में
- GI टैग का इस्तेमाल ऐसे उत्पादों पर किया जाता है, जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है। इसी उत्पत्ति के कारण इन उत्पादों में विशिष्ट गुण या प्रतिष्ठा होती है।
- भारत में, वस्तुओं का भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 GI के पंजीकरण व बेहतर संरक्षण का प्रावधान करता है।
- यह 10 वर्षों के लिए प्रदान किया जाता है। इस अवधि का नवीनीकरण कराया जा सकता है।
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ध्रुवा (DHRUVA)
डाक विभाग ने भारत में "एड्रेस एज़ ए सर्विस" (Address as a Service: AaaS) को सक्षम करने के लिए एक डिजिटल एड्रेसिंग प्रणाली बनाने की पहल के रूप में ध्रुवा (DHRUVA) का प्रस्ताव किया।
ध्रुवा (DHRUVA) के बारे में
- इसका पूर्ण रूप है “डिजिटल हब फॉर रेफरेंस एंड यूनिक वर्चुअल एड्रेस” (Digital Hub for Reference and Unique Virtual Address)।
- यह एक अंतरसंचालनीय, मानकीकृत और उपयोगकर्ता-केंद्रित डिजिटल एड्रेसिंग प्रणाली है।
- उद्देश्य: टेक्स्ट एड्रेस को UPI जैसे डिजिटल लेबल्स (जैसे- "नाम@एंटिटी") से प्रतिस्थापित करना, जो भौतिक पतों के लिए प्रॉक्सी के रूप में कार्य करेंगे।
- यह कैसे काम करता है: उपयोगकर्ता पूर्ण विवरण टाइप करने की बजाय एक एड्रेस लेबल साझा करेंगे तथा कंपनियां उपयोगकर्ता की सहमति से पूर्ण पते एवं निर्देशांकों को तुरंत एक्सेस कर सकेंगी।
- आधारभूत परत- DIGIPIN: यह 10-अंकीय अल्फ़ा-न्यूमेरिक कोड है। यह कोड भारत की भौगोलिक सीमाओं में लगभग 4x4 मीटर के समान ग्रिड बनाकर भू-स्थान अवस्थिति (अक्षांश-देशांतर/ latitude-longitude) को दर्शाएगा।
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- DHRUVA
सीहॉक हेलीकॉप्टर
संयुक्त राज्य अमेरिका ने MH-60R सीहॉक हेलिकॉप्टर्स के लिए $946 मिलियन के सस्टेनमेंट पैकेज पर हस्ताक्षर करने के भारत के फैसले का स्वागत किया।
सीहॉक हेलीकॉप्टर के बारे में
- यह उन्नत हथियारों, सेंसर्स और एवियोनिक्स सुइट से सुसज्जित है तथा ब्लैकहॉक हेलीकॉप्टर का एक समुद्री संस्करण है।
- यह अमेरिका के साथ हस्ताक्षरित 24-विमान विदेशी सैन्य बिक्री अनुबंध का हिस्सा है।
- विशेषताएं: इसे पनडुब्बी-रोधी युद्ध (ASW), सतह-रोधी युद्ध (ASuW), खोज और बचाव (SAR), चिकित्सा निकासी (MEDEVAC) और ऊर्ध्वाधर पुनर्पूर्ति (VERTREP) के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- महत्त्व: भारत की ब्लू-वॉटर यानी खुले समुद्र संबंधी क्षमताओं को बढ़ाना।
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- Seahawk Helicopters