लोक सभा में एक गैर-सरकारी सदस्य द्वारा 'राइट टू डिस्कनेक्ट' विधेयक प्रस्तुत किया गया | Current Affairs | Vision IAS
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    लोक सभा में एक गैर-सरकारी सदस्य द्वारा 'राइट टू डिस्कनेक्ट' विधेयक प्रस्तुत किया गया

    Posted 06 Dec 2025

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    Article Summary

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    विधेयक में एक कर्मचारी कल्याण प्राधिकरण की स्थापना का प्रस्ताव है, जो श्रमिकों को कार्य समय के बाद कार्य कॉल/ईमेल से अलग रहने का अधिकार प्रदान करेगा, जिससे कार्य-जीवन संतुलन और मानसिक कल्याण को बढ़ावा मिलेगा।

    यह विधेयक कर्मचारियों के कल्याण के लिए एक कर्मचारी कल्याण प्राधिकरण स्थापित करने का लक्ष्य रखता है। इससे प्रत्येक कर्मचारी को कार्य के घंटों के बाद और छुट्टियों के दौरान कार्य से संबंधित कॉल व ईमेल से डिस्कनेक्ट होने का अधिकार प्रदान किया जा सके।

    • एक गैर-सरकारी विधेयक (Private Members’ Bill) वह विधेयक होता है, जिसे किसी मंत्री के अलावा संसद सदस्य (MP) ने प्रस्तुत किया हो।

    राइट टू डिस्कनेक्ट (कार्य से असंबद्ध होने का अधिकार) क्या है?

    • राइट टू डिस्कनेक्ट एक कानूनी सुरक्षा है, जो कर्मचारियों को कार्य समय पूर्ण होने के बाद कार्य से असंबद्ध होने और नियोक्ता के संबंधित इलेक्ट्रॉनिक संचार की उपेक्षा करने की अनुमति देती है।
    • यह मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) के अनुच्छेद 24 पर आधारित है। इसके अनुसार- ‘प्रत्येक व्यक्ति को आराम और अवकाश का अधिकार है। इसमें कार्य के घंटों की उचित सीमा और सवैतनिक आवधिक छुट्टियां शामिल हैं।'

    राइट टू डिस्कनेक्ट की आवश्यकता

    • कार्य से संबंधित तनाव: डिजिटल युग में लगातार उपलब्ध रहने के कारण उच्च तनाव, नींद की कमी और मानसिक थकावट होती है।
    • उत्पादकता में गिरावट: उदाहरण के लिए- अध्ययनों के अनुसार जब प्रति सप्ताह 50 घंटे से अधिक कार्य किया जाता है, तो उत्पादकता गिर जाती है।
    • सामाजिक-मनोवैज्ञानिक प्रभाव: अधिक कार्य करने से कार्य-जीवन संतुलन, सामाजिक रिश्ते (जैसे- अलगाव) आदि प्रभावित होते हैं।
      • उदाहरण के लिए- 2024 में पुणे में अत्यधिक कार्य के कारण अर्न्स्ट एंड यंग के एक कर्मचारी की मौत हो गई थी।
    • संवैधानिक आधार:
      • अनुच्छेद 21: प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण का अधिकार और गरिमा का अधिकार।
      • अनुच्छेद 39(e): यह राज्य को कर्मचारियों के स्वास्थ्य और शक्ति के दुरुपयोग को रोकने का निर्देश देता है।
      • अनुच्छेद 42: राज्य कार्य की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं को सुनिश्चित करने के लिए उपबंध करेगा। 

    वैश्विक केस स्टडीज़

    • फ्रांस का एल खोमरी कानून (2017): औपचारिक रूप से राइट टू डिस्कनेक्ट को मान्यता देने वाला पहला देश।
    • ऑस्ट्रेलिया का 2024 का फेयर वर्क लेजिस्लेशन संशोधन: यह कानून कर्मचारियों को कार्य के घंटे के बाद ऑफिस से आने वाले संदेशों या कॉल को नजरअंदाज करने का अधिकार देता है। ऐसा करने पर उन पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती। हालांकि, आपात जैसी स्थिति में ऐसे सन्देश को इनकार करना अनुचित माने जाने पर नियम अलग हो सकते हैं।
    • Tags :
    • right to disconnect
    • France’s El Khomri Law (2017)
    • Australia’s 2024 Amendment to Fair Work Legislation
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