भारत में संसद के कार्य संचालन में व्यवधान | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

    भारत में संसद के कार्य संचालन में व्यवधान

    Posted 09 Dec 2025

    1 min read

    Article Summary

    Article Summary

    15 दिवसीय शीतकालीन सत्र, जो 2014 के बाद से चौथा सबसे छोटा सत्र है, चल रहे संसदीय व्यवधानों, कम जवाबदेही और निश्चित कार्यक्रम तथा मजबूत प्रक्रियात्मक तंत्र जैसे सुधारों की आवश्यकता को उजागर करता है।

    15 दिवसीय शीतकालीन सत्र, 2014 के बाद से चौथा सबसे छोटा सत्र रहा। इस सत्र की शुरुआत ही तत्काल व्यवधानों के साथ हुई। यह संसद के कार्य संचालन में संस्थागत (यानी एक तरह के नियमित) व्यवधान के एक दीर्घकालिक तथा लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा अपनाए जाने वाले पैटर्न को दर्शाता है।

    • कमजोर संस्थागत प्रवर्तन और पीठासीन अधिकारियों की आम सहमति के बिना कार्य करने की अनिच्छा अनुशासन एवं प्रभावी कार्य संचालन को बाधित करते हैं।

    संसद के कार्य संचालन में व्यवधान का विश्लेषण (17वीं लोक सभा)

    • बैठकों की कम होती संख्या: संसद ने केवल 274 बैठकें की, जो पिछली सभी पूर्ण-अवधि की लोक सभाओं की तुलना में कम है।
    • समिति द्वारा जांच में कमी: केवल 16% विधेयकों को संसदीय समितियों के पास भेजा गया था। यह पिछली 3 लोक सभाओं की तुलना में सबसे कम है।
    • वाद-विवाद की गुणवत्ता: लोक सभा के समय का 31% और राज्य सभा के समय का 32% गैर-विधायी चर्चाओं में व्यतीत हुआ है।
    • बजट की जांच में कमी: 2019 और 2023 के बीच लगभग 80% केंद्रीय बजट बिना बहस के स्वीकृत किए गए थे।

    आगे की राह

    • सर्वदलीय आचार संहिता: परस्पर सहमति से स्वीकृत एक फ्रेमवर्क अपनाना चाहिए, जो स्वीकार्य विरोध प्रदर्शनों और आनुपातिक अनुशासनात्मक उपायों को निर्धारित करे।  
    • सांविधिक निश्चित संसदीय कैलेंडर: बैठकों के लिए पर्याप्त दिनों की संख्या सुनिश्चित करने के लिए एक कानूनी रूप से अनिवार्य वार्षिक अनुसूची तैयार करनी चाहिए।
    • जवाबदेही तंत्र को बढ़ाना: प्रश्नकाल और शून्यकाल को व्यवधान से सुरक्षित करना चाहिए। साथ ही, बजट के दौरान अनुदान की मांगों पर चर्चा को अनिवार्य किया जाना चाहिए। 
    • संसदीय प्रक्रियाओं को मजबूत करना: सदस्यों की उपस्थिति, वाद-विवाद और विधेयकों की पारदर्शी ट्रैकिंग के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिए। 
    • Tags :
    • Democracy
    • Parliamentary Disruption
    Watch News Today
    Subscribe for Premium Features