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हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 'अर्थव्यवस्था की स्थिति' रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में भारत के लिए सकल मूल्य वर्धित (GVA)- विनिर्माण हेतु प्रस्तावित कंपोजिट लीडिंग इंडिकेटर (CLI) की उपयोगिता को रेखांकित किया गया है।

GVA के लिए कंपोजिट लीडिंग इंडिकेटर (CLI) के बारे में

  • आवृत्ति: त्रैमासिक। 
  • उद्देश्य: विनिर्माण क्षेत्रक के 'व्यापार चक्र’ में होने वाले बदलावों का पहले से अनुमान लगाना और अल्पकालिक आर्थिक आकलन को मजबूत करना।
  • संकेतक: इसमें चरों (variables) का एक समूह शामिल है। इसमें- घरेलू मांग; मुद्रास्फीति की गतिशीलता; सर्वेक्षण-आधारित भावनाएं; औद्योगिक ऋण प्रवाह; अनिश्चितता मेट्रिक्स; वैश्विक समष्टि आर्थिक (macroeconomic) रुझान आदि शामिल हैं। 

उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया कि वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के अनुसार, वन भूमि का उपयोग कृषि सहित किसी भी गैर-वानिकी उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता।

वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के बारे में

  • उद्देश्य: वनों का संरक्षण करना और गैर-वन उद्देश्यों के लिए वन भूमि के उपयोग को विनियमित करना।
  • कवरेज: इसके दायरे अंतर्गत आरक्षित वन (Reserved forests), संरक्षित वन (protected forests) और सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज वन भूमि शामिल है।
  • अनुमोदन की आवश्यकता: किसी भी वन भूमि के अनारक्षण (dereservation) या उसके अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग हेतु राज्य सरकार या अन्य प्राधिकरण को केंद्र सरकार से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है।
  • सलाहकार समिति: यह अधिनियम केंद्र सरकार द्वारा एक सलाहकार समिति के गठन का प्रावधान करता है।
  • यह समिति वन भूमि के उपयोग की अनुमति देने और वन संरक्षण से संबंधित अन्य मामलों पर सलाह प्रदान करेगी।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने संयुक्त राष्ट्र परक्राम्य माल दस्तावेज़ अभिसमय (अक्रा अभिसमय), 2025 का समर्थन करने वाले संकल्प को स्वीकार किया।

  • परक्राम्य माल दस्तावेज़ (Negotiable Cargo Documents: NCDs) ऐसे दस्तावेज़ होते हैं, जो पारगमन (transit) में माल का प्रतिनिधित्व करते हैं, और दस्तावेज़ धारक को माल पर अधिकार प्रदान करते हैं। इन्हें किसी और को स्थानांतरित किया जा सकता है। ये दस्तावेज़ भौतिक और डिजिटल दोनों रूपों में होते हैं। 

अक्रा अभिसमय (Accra Convention), 2025 के बारे में

  • उद्देश्य: NCDs के लिए एक समान कानूनी ढांचा स्थापित करना। साथ ही, 'परक्राम्य माल दस्तावेजों' के लाभों को समुद्री परिवहन से आगे बढ़ाकर मल्टीमॉडल परिवहन (ट्रेन, ट्रक, विमान या जहाज) तक विस्तारित करना।
    • यह यात्रा के बीच में ही माल (cargo) को बेचने, उसका मार्ग बदलने, या वित्त-पोषण के लिए उसे जमानत (गिरवी रखने) के रूप में उपयोग करने की अनुमति देता है।
  • कानूनी प्रभाव: NCDs का वही कानूनी प्रभाव होता है, जो माल की भौतिक डिलीवरी का होता है।
  • महत्त्व: यह व्यापार वित्त, वैश्विक व्यापार के डिजिटलीकरण आदि को सुगम बनाता है।

भारत और फ्रांस ने भारत में डायरेक्ट फायरिंग साइट नेविगेशन सिस्टम के संयुक्त उत्पादन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस प्रणाली में निम्नलिखित घटक शामिल हैं:

  • SIGMA 30N नेविगेशन सिस्टम: यह GPS के बिना स्वायत्त तोपखाने (आर्टिलरी) संचालन को सक्षम बनाता है।
  • CM3-MR डायरेक्ट फायरिंग साइट: इसे तोपखाने की दक्षता और ड्रोन-रोधी सटीकता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

डायरेक्ट फायरिंग साइट नेविगेशन सिस्टम की मुख्य विशेषताएं

  • स्वायत्तता: यह प्रणाली GPS पर निर्भर हुए बिना कार्य करती है। इससे व्यापक 'इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर' (सिग्नल जैमिंग) वाले परिवेश में भी परिचालन की विश्वसनीयता सुनिश्चित होती है।
  • बहुमुखी प्रतिभा: यह भारी तोपखाने और रडार से लेकर सचल वायु रक्षा प्रणालियों तक, विभिन्न प्रकार के हार्डवेयर के साथ आसानी से एकीकृत हो जाता है।
  • डायरेक्ट-फायर: यह दिखाई देने वाले लक्ष्यों (जैसे कि ड्रोन) पर तत्काल हमले के लिए उन्नत थर्मल और ऑप्टिकल साइट्स का उपयोग करता है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक प्रसिद्ध अभिनेता के व्यक्तित्व अधिकारों (Personality Rights) की रक्षा के लिए एक अंतरिम निषेधाज्ञा (interim injunction) आदेश पारित किया।

व्यक्तित्व अधिकारों के बारे में

  • व्यक्तित्व अधिकार नाम, आवाज, हस्ताक्षर, छवियों या जनता द्वारा आसानी से पहचानी जाने वाली किसी अन्य विशेषता को व्यक्त करते हैं, जो किसी सेलिब्रिटी आदि के व्यक्तित्व का प्रतीक हैं। ये अधिकार किसी व्यक्ति की पहचान के उपयोग पर उसके अनन्य नियंत्रण को शामिल करते हैं। इन अधिकारों में वाणिज्यिक और गैर-वाणिज्यिक दोनों पहलू शामिल हैं।
    • भारत में व्यक्तित्व अधिकारों का स्पष्ट रूप से किसी भी कानून में उल्लेख नहीं किया गया है।
  • व्यक्तित्व अधिकारों के घटक: 
    • प्रचार का अधिकार: यह ट्रेडमार्क अधिनियम, 1999 और कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के तहत संरक्षित है। 
    • निजता का अधिकार: यह संविधान के अनुच्छेद 21 और के. एस. पुट्टास्वामी मामले (2017) के तहत संरक्षित है। 

हाल ही में, निर्वाचन आयोग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राजनीतिक दलों को चुनावी न्यासों से प्राप्त अंशदान और दिए गए चंदे की वार्षिक रिपोर्ट जारी की।

चुनावी न्यास (Electoral Trusts) के बारे में

  • चुनावी न्यास योजना, 2013 के तहत चुनावी न्यासों की स्थापना का प्रावधान किया गया है। ये कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत होते हैं। 
  • ये व्यक्तियों, कंपनियों आदि से दान प्राप्त करते हैं और उन्हें पंजीकृत राजनीतिक दलों को वितरित करते हैं।
  • उद्देश्य: इनका उद्देश्य राजनीतिक वित्त-पोषण में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है।
  • अधिदेश (Mandate): कानून के अनुसार, न्यासों को एक वित्त वर्ष के भीतर प्राप्त कुल अंशदान का 95% हिस्सा पंजीकृत राजनीतिक दलों को वितरित करना अनिवार्य होता है।
  • विनियमन: इन्हें व्यक्तियों और कंपनियों से प्राप्त होने वाले दान की रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को देनी होती है। ये न्यास आयकर अधिनियम, 1961 द्वारा शासित होते हैं।
  • प्रकटीकरण: इनके लिए दानदाताओं के नाम और दान की राशि की रिपोर्ट करना अनिवार्य है। इससे धन के स्रोत का पता लगाना सुनिश्चित होता है।

शोधकर्ताओं ने SIRT6 नामक एंजाइम से जुड़े एक महत्वपूर्ण आणविक तंत्र की पहचान की है। यह एंजाइम मस्तिष्क के वृद्ध होने (brain aging) और तंत्रिकाक्षय (Neurodegeneration) को नियंत्रित करता है।

SIRT6 एंजाइम के बारे में

  • SIRT6 या सिर्टुइन 6 एक दीर्घायु से जुड़ा एंजाइम है। यह शरीर में एक 'मेटाबॉलिक स्विच' की तरह कार्य करता है। साथ ही, ट्रिप्टोफैन चयापचय (Tryptophan metabolism) के रक्षक के रूप में भी कार्य करता है।
    • ट्रिप्टोफैन एक आवश्यक अमीनो एसिड है। इसका उपयोग कोशिकीय ऊर्जा उत्पादन या सेरोटोनिन और मेलाटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर उत्पन्न करने में किया जाता है। ये न्यूरोट्रांसमीटर मनोदशा, नींद और तंत्रिका स्थिरता को नियंत्रित करते हैं।
  • कार्य
    • जब SIRT6 सक्रिय होता है: ट्रिप्टोफैन का वितरण सही ढंग से होता है। यह कोशिकीय ऊर्जा उत्पादन और सेरोटोनिन/ मेलाटोनिन बनाने वाले मार्गों के बीच संतुलन बनाए रखता है।
    • जब SIRT6 की सक्रियता कम होती है: उम्र बढ़ने के साथ जब SIRT6 की सक्रियता कम हो जाती है, तो ट्रिप्टोफैन चयापचय बिगड़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप, ऐसे उपोत्पाद बनते हैं, जो तंत्रिका कोशिकाओं के लिए विषाक्त होते हैं।
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