बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता
भारत ने मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स, बंदरगाह संपर्क और व्यापार सुविधा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है। यह पहल देश की समुद्री क्षमताओं और आर्थिक गलियारों को मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
समुद्री क्षमताएं और रणनीतिक गलियारे
- अनुकूल नीतिगत माहौल और निवेश वातावरण के माध्यम से भारत की बढ़ती समुद्री क्षमताओं पर जोर।
- भारत की जहाज निर्माण क्षमता और क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए नवीन वित्तपोषण योजनाओं पर प्रकाश डाला गया।
- रणनीतिक गलियारों के माध्यम से समुद्री संपर्क और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना, जिसमें शामिल हैं:
- भारत - मध्य पूर्व - यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEEC)
- पूर्वी समुद्री गलियारा (EMC)
- अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC)
जहाज निर्माण उद्योग के लिए लक्ष्य
नीतिगत प्रोत्साहन, व्यापार में आसानी और बुनियादी ढांचे में वृद्धि के माध्यम से, भारत का लक्ष्य 2047 तक शीर्ष पांच जहाज निर्माण देशों में शामिल होना है।
हरित एवं टिकाऊ समुद्री भविष्य
- भारत कांडला, तूतीकोरिन और पारादीप में तीन ग्रीन हाइड्रोजन हब बंदरगाह स्थापित कर रहा है।
- ये केंद्र हरित हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों के विनिर्माण को समर्थन देंगे।
- इस पहल का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना है।