होर्मुज जलडमरूमध्य में वैश्विक शिपिंग संकट का प्रभाव
भारत में शिपिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र निर्यात-आयात व्यापार के लिए महत्वपूर्ण है। यह होर्मुज जलडमरूमध्य में बढ़ते तनाव के कारण व्यवधानों का सामना कर रहा है। यह व्यवधान हाल ही में अमेरिका-ईरान-इज़रायल संघर्षों के बाद उत्पन्न हुआ है, जिससे माल ढुलाई दरों और शिपिंग लागतों में अस्थिरता आ सकती है।
वर्तमान स्थिति और प्रतिक्रियाएँ
- ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका द्वारा बमबारी और ईरान द्वारा जवाबी हमले के बाद, वैश्विक शिपिंग और तेल की कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद है।
- ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद एक महत्वपूर्ण समुद्री चैनल, होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने पर विचार कर रही है।
- वैश्विक कच्चे तेल का लगभग 20% परिवहन इसी जलडमरूमध्य से होता है, जो वर्तमान ईरान-इज़राइल संघर्ष से प्रभावित हुआ है।
आर्थिक निहितार्थ
- शंघाई से अरब की खाड़ी के सबसे बड़े बंदरगाह जेबेल अली तक के मार्गों पर माल ढुलाई दरों में 55% की वृद्धि हुई है।
- भारतीय निर्यातकों के लिए समुद्री और हवाई माल ढुलाई लागत बढ़ रही है। साथ ही, ईरान को भेजे जाने वाले कुछ शिपमेंट में माल ढुलाई प्रीमियम में 20% की वृद्धि देखी गई है।
- लॉजिस्टिक चुनौतियों में सुरक्षा उपायों में वृद्धि, ईंधन की ऊंची कीमतें और मार्ग परिवर्तन शामिल हैं। ये बासमती चावल, फार्मास्यूटिकल्स और इंजीनियरिंग सामान जैसी वस्तुओं को प्रभावित करती हैं।
रणनीतिक प्रतिक्रिया
- निर्यातकों ने देरी को कम करने के लिए ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह के बजाय चाबहार बंदरगाह के माध्यम से शिपमेंट भेजने का सुझाव दिया है।
- कम्पनियों ने बंदरगाह सुरक्षा को मजबूत करने तथा जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए वैश्विक समुद्री प्राधिकरणों के साथ सहयोग बढ़ाया है।
वैश्विक शिपिंग रुझान
ट्रम्प टैरिफ प्रकरण के प्रभाव के कारण अमेरिका से आने वाली मांग कमजोर हुई है। इससे ड्रयूरी वर्ल्ड कंटेनर सूचकांक में एक महीने से अधिक समय में पहली बार कमी आई है।
- आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के स्थिर होने के कारण भारतीय बंदरगाहों पर दरों में छूट देखी गई है।
भविष्य के विकल्प
- चीन और शेष विश्व से अमेरिकी आयात पर 90-दिवसीय टैरिफ कटौती की समाप्ति तक स्पॉट दरें अस्थिर बनी रहने की उम्मीद है।
- मांग में बड़ी गिरावट का अनुमान है, क्योंकि 2025 की शुरुआत में कार्गो की भीड़ के बाद इन्वेंट्री का स्तर ऊंचा रहने की उम्मीद है।
मुख्य आंकड़े
- होर्मुज जलडमरूमध्य वैश्विक पेट्रोलियम खपत का 20% संभालता है तथा प्रतिदिन 20 मिलियन बैरल का परिवहन करता है।
- यह वैश्विक LNG आपूर्ति का 25% भी उपलब्ध कराता है।
- भारत अपनी आवश्यकता का 45-50% कच्चा तेल और 54-60% प्राकृतिक गैस इसी गलियारे के माध्यम से आयात करता है।