भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का मसौदा
भारत-यूके एफटीए के मसौदे में वस्तुओं के लिए लचीलापन बढ़ाने के लिए उत्पाद-विशिष्ट मूल मानदंडों के साथ “समान-समान” नियम पेश किया गया है। यह दृष्टिकोण उत्पादकों को एफटीए लाभों का दावा करने के लिए विभिन्न मूल मानदंडों को पूरा करने की अनुमति देता है, जो नियमों के उल्लंघन और खराब वस्तुओं के आयात को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत-यूके एफटीए की मुख्य विशेषताएं
- सम-समान नियम:
- उत्पादकों को लाभ का दावा करने के लिए कोई भी मूल मानदंड चुनने की अनुमति दें।
- शुल्क रियायतों के दुरुपयोग को रोकने और उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए इसे बनाया गया है।
- मूल नियम:
- पहले के समझौतों की तुलना में यह अधिक जटिल है, तथा इसमें पूर्णतः प्राप्त मानदंडों से लचीले उत्पाद-विशिष्ट मानदंडों की ओर बदलाव किया गया है।
- स्व-प्रमाणन के आधार पर मूल प्रमाण-पत्रों का डिजिटल आदान-प्रदान शामिल करना।
- जब जोखिम पैरामीटर संभावित समस्याओं का संकेत देते हैं तो अनुपालन जांच सक्षम करना।
- उत्पाद-विशिष्ट नियम:
- परस्पर जुड़ी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए आवश्यक।
- इसे भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते जैसी अन्य वार्ताओं में शामिल किया जा सकता है।
लाभ और अवसर
- ब्रिटेन को भारत के 99% निर्यात को शून्य शुल्क का लाभ मिलेगा, जिससे वस्त्र, समुद्री उत्पाद और इंजीनियरिंग सामान जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।
- ब्रिटेन 90% उत्पाद लाइनों पर टैरिफ कम कर देगा, तथा एक दशक के भीतर 85% उत्पाद टैरिफ-मुक्त हो जाएंगे।
अगले कदम
एफटीए वार्ता 6 मई को संपन्न हो गई तथा समझौते पर दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षर एवं अनुसमर्थन की प्रतीक्षा है।