एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक और आतंकवाद पर भारत का रुख
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। संयुक्त विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर करने से उनका इनकार एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट मोर्चे की भारत की मांग को उजागर किया।
मुख्य बातें
- विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर करने से इनकार: राजनाथ सिंह के नेतृत्व में भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले का उल्लेख न होने के कारण एससीओ की संयुक्त विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
- विवाद के बिंदु: भारत ने पहलगाम हमले की पुष्टि की मांग की, जबकि पाकिस्तान ने जाफर एक्सप्रेस घटना को शामिल करने पर जोर दिया। इस असहमति के कारण संयुक्त बयान जारी नहीं हो सका।
- आतंकवाद के विरुद्ध खड़े हों: भारत ने इस बात पर जोर दिया कि शांति और समृद्धि का आतंकवाद और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार के साथ सहअस्तित्व नहीं हो सकता है।
- कार्रवाई का आह्वान: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का आह्वान करते हुए कहा कि जो राष्ट्र आतंकवाद का समर्थन करते हैं और अपने उद्देश्यों के लिए उसका उपयोग करते हैं, उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।
- ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग किया, जिसका उद्देश्य सीमा पार आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था।
- जवाबदेही: भारत ने कहा कि सीमा पार के तत्वों सहित आतंकवादी कृत्यों के अपराधियों और समर्थकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय का सामना करना चाहिए।
- हमले का स्वरूप: भारत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रॉक्सी संगठन ने पहलगाम हमले को अंजाम दिया है।