क्या पश्चिम का खुलेपन का महान प्रयोग समाप्त हो रहा है?
पश्चिमी दुनिया, जिसमें यूरोप, उत्तरी अमेरिका और जापान शामिल हैं, विदेशी छात्रों, श्रमिकों और शरणार्थियों के प्रति कम ग्रहणशील होती जा रही है। यह प्रवृत्ति आधे दशक पहले देखी गई खुलेपन की प्रवृत्ति से एक उल्लेखनीय बदलाव को दर्शाती है। सवाल यह उठता है कि क्या इस बदलाव को डोनाल्ड ट्रम्प के प्रभाव के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिनका राजनीतिक करियर एक दशक पहले शुरू हुआ था।
डोनाल्ड ट्रम्प का प्रभाव
- बयानबाजी और राजनीतिक रणनीति:
- ट्रम्प के राजनीतिक जीवन की शुरुआत मैक्सिकन प्रवासियों के बारे में विवादास्पद टिप्पणी के साथ हुई थी, जिसमें उन्होंने उन्हें अपराधी करार दिया था।
- ये बयान जनता के एक वर्ग को प्रभावित करने में सफल रहे, जिससे उन्हें मुख्यधारा के उम्मीदवारों को बाहर कर रिपब्लिकन प्राइमरी में अपना वर्चस्व कायम करने में मदद मिली।
- ट्रम्प की बयानबाजी बढ़ गई है, वे मीडिया का ध्यान आकर्षित करने और अपना समर्थन आधार मजबूत करने के लिए अक्सर गलत सूचना के साथ आप्रवासियों और शरणार्थियों के खिलाफ आरोप लगाते हैं।
- राष्ट्रपति के कार्य:
- आप्रवासन एजेंट कथित तौर पर व्यक्तियों को बिना उचित प्रक्रिया के, उनकी उपस्थिति के आधार पर लक्षित करके निर्वासित कर रहे हैं।
- जन्मसिद्ध नागरिकता को निरस्त करने के प्रयास चल रहे हैं, जो संभावित रूप से प्रवासियों के बच्चों को प्रभावित कर सकता है।
- नागरिक बनने वाले लोगों को निर्वासित करने के लिए, विशेष रूप से राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाकर, वि-नागरिकीकरण (Denaturalization) कानून का उपयोग करने पर विचार किया जा रहा है।
- शिक्षा और अनुसंधान पर प्रभाव:
- विदेशी छात्रों और शोधकर्ताओं पर कार्रवाई तेज हो रही है, जिसमें प्रतिष्ठित संस्थानों को सरकारी नीतियों का विरोध करने पर धन की कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
- वीजा आवेदकों को सोशल मीडिया खातों को सार्वजनिक करना आवश्यक है, जिससे अधिकारी अवांछित विचारों के लिए उनकी जांच कर सकें।
- यहां तक कि आगंतुकों को भी डिजिटल संचार की गलत व्याख्याओं के आधार पर पूछताछ का सामना करना पड़ता है।
- वैश्विक नेतृत्व और प्रतिस्पर्धात्मकता:
- इन नीतियों से उत्पन्न शत्रुतापूर्ण वातावरण अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व और आर्थिक प्रतिस्पर्धा को कमजोर कर सकता है।
यूरोपीय संदर्भ
- जर्मनी की प्रवासी नीति:
- एक दशक पहले, जर्मनी ने 300,000 सीरियाई प्रवासियों का स्वागत किया था तथा 2015-2016 के दौरान दस लाख से अधिक शरण आवेदन प्राप्त हुए थे।
- इस नीति ने पूरे यूरोप में राजनीतिक गतिशीलता को प्रभावित किया है।
- यूनाइटेड किंगडम और ब्रेक्सिट:
- ब्रिटेन का ब्रेक्सिट मतदान सीमाओं पर "नियंत्रण वापस लेने" की इच्छा से प्रेरित था।
- ब्रेक्सिट के बाद गैर-यूरोपीय देशों, विशेषकर भारत से प्रवासन में काफी वृद्धि हुई है।
- वर्तमान राजनीतिक बहसें "खुली सीमाओं के प्रयोग" के आरोपों पर केंद्रित हैं, जो एक परिवर्तनकारी जनसांख्यिकीय बदलाव की ओर ले जा रहा है।
- यूरोपीय राजनीतिक माहौल:
- यूरोप में मुख्यधारा के राजनेता धीरे-धीरे आव्रजन के लिए बाधाएं खड़ी कर रहे हैं, हालांकि वे ट्रम्प जैसी बयानबाजी से बच रहे हैं।