भारत में प्रमुख सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) पर प्रगति
भारत ने गरीबी उन्मूलन, सामाजिक संरक्षण और स्वास्थ्य सहित कई प्रमुख सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में उल्लेखनीय प्रगति की है, जैसा कि हालिया प्रगति रिपोर्ट में बताया गया है।
गरीबी उन्मूलन और सामाजिक संरक्षण
- सामाजिक सुरक्षा कवरेज:
- 2025 तक जनसंख्या का 64.3% तक बढ़ जाएगा, जो 2022 में 48.8% और 2016 में 22% था।
- गरीबी का स्तर:
- गरीबी में रहने वाले लोगों का अनुपात 2015-16 में 24.85% से घटकर 2019-21 में 14.96% हो गया।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 कवरेज:
- 2024-25 में पात्र जनसंख्या के 99% तक विस्तार किया जाएगा, जो 2015-16 में 95.2% था।
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता
- मातृ मृत्यु अनुपात:
- 2014-16 में 130 प्रति लाख जीवित जन्म से घटकर 2019-21 में 93 प्रति लाख जीवित जन्म हो गया।
- स्वच्छता:
- 100% जिले खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित।
- ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में शौचालय सुविधाओं तक बेहतर पहुंच।
आर्थिक संकेतक
- आय असमानता:
- 2023-24 तक ग्रामीण क्षेत्रों में गिनी गुणांक घटकर 0.237 और शहरी क्षेत्रों में 0.284 हो जाएगा।
- चुनौतियाँ:
- गैर-कृषि क्षेत्र में नियमित वेतन/वेतनभोगी कर्मचारियों में से आधे से अधिक को सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं मिलता है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2015-16 में 2.16% से घटकर 2024-25 में जीएनआई का 0.5% हो जाएगा।
- सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में प्रेषण 2024-25 में घटकर 2.4% हो जाएगा।
- सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में विनिर्माण मूल्य संवर्धन 2024-25 में 15.7% होगा, जबकि 2015-16 में यह 16.8% था।
राष्ट्रीय निगरानी ढांचा
- राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (एनआईएफ) 17 सतत विकास लक्ष्यों में 284 संकेतकों पर नज़र रखता है।
- वर्तमान में, 29 राज्यों में सतत विकास लक्ष्य की उपलब्धियों का समर्थन करने के लिए निगरानी ढांचा मौजूद है।
- 62 केन्द्रीय मंत्रालयों और 35 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में लिंग बजट प्रकोष्ठ है।