डिजिटल इंडिया की यात्रा और उपलब्धियां
दस वर्ष पहले, भारत ने डिजिटल इंडिया नामक एक परिवर्तनकारी यात्रा शुरू की थी जिसका उद्देश्य पूरे देश में डिजिटल पहुंच और बुनियादी ढांचे का लोकतंत्रीकरण करना था।
डिजिटल विभाजन को ख़त्म करना
- इंटरनेट कनेक्शन 2014 के 250 मिलियन से बढ़कर आज 970 मिलियन से अधिक हो गये हैं।
- 4.2 मिलियन किलोमीटर से अधिक ऑप्टिकल फाइबर की स्थापना से दूरदराज के गांवों को जोड़ा गया है।
- भारत में 481,000 बेस स्टेशनों के साथ 5G सेवा का प्रसार विश्व में सबसे तेज है।
- इंडिया स्टैक ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से प्रतिवर्ष 100 बिलियन से अधिक लेनदेन की सुविधा प्रदान की है।
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से नागरिकों को सीधे तौर पर 44 ट्रिलियन रुपये से अधिक की धनराशि हस्तांतरित की गई है, जिससे 3.48 ट्रिलियन रुपये की बचत हुई है।
- स्वामित्व योजना के तहत 647,000 गांवों का मानचित्रण करते हुए 24 मिलियन से अधिक संपत्ति कार्ड जारी किए गए हैं।
सभी के लिए अवसर का लोकतंत्रीकरण
- ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से एमएसएमई और छोटे उद्यमियों को सशक्त बनाया गया है।
- सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) सरकारी क्षेत्रों को वस्तुओं/सेवाओं की बिक्री की सुविधा प्रदान करता है।
- GeM ने 2.2 मिलियन विक्रेताओं के साथ 50 दिनों में ₹1 ट्रिलियन का सकल व्यापारिक मूल्य हासिल किया है।
डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना: भारत की वैश्विक पेशकश
- भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, जैसे- आधार, कोविन और डिजीलॉकर को वैश्विक स्तर पर अपनाया गया है।
- भारत की जी-20 अध्यक्षता ने ग्लोबल डीपीआई रिपोजिटरी और 25 मिलियन डॉलर के सामाजिक प्रभाव कोष का शुभारंभ किया है।
स्टार्टअप शक्ति और आत्मनिर्भर भारत
- 180,000 से अधिक स्टार्टअप के साथ भारत विश्व में शीर्ष तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम्स में शामिल है।
- 1.2 बिलियन डॉलर का IndiaAI मिशन एआई संसाधनों तक किफायती पहुंच प्रदान करता है।
- देश भर में एआई उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना।
आगे की राह
भारत का लक्ष्य डिजिटल गवर्नेंस से वैश्विक डिजिटल नेतृत्व में बदलाव लाना है। इसका मुख्य फोकस यह है कि भारत दुनिया भर में एक विश्वसनीय नवाचार साझेदार बने, और ऐसी तकनीक के माध्यम से सशक्तिकरण करे जो एकजुट करे, समावेश बढ़ाए और उत्थान सुनिश्चित करे।