रक्षा अधिग्रहण स्वीकृतियां
रक्षा मंत्री के नेतृत्व में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 10 प्रमुख पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
- कुल मूल्य: स्वदेशी सोर्सिंग के माध्यम से ₹1.05 ट्रिलियन।
- आवश्यकता की स्वीकृति (AoN): अनुमोदन में निम्नलिखित शामिल हैं:
- बख्तरबंद रिकवरी वाहनों की खरीद
- इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली
- तीनों सेनाओं के लिए एकीकृत साझा इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली
- सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें
- उद्देश्य: इन अधिग्रहणों का उद्देश्य उच्च गतिशीलता, प्रभावी वायु रक्षा, उन्नत आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रदान करना तथा सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों में सुधार करना है।
नौसेना क्षमताओं को बढ़ावा
आगे की AoNs में शामिल हैं:
- मूर्ड माइंस (Moored Mines)
- माइन काउंटरमेजर वेसल्स (Mine Countermeasure Vessels)
- सुपर रैपिड गन माउंट (Super Rapid Gun Mount)
- सबमर्सिबल ऑटोनॉमस वेसल्स (Submersible Autonomous Vessels)
- उद्देश्य: नौसैनिक और व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा करने की नौसेना की क्षमता को बढ़ाना तथा संभावित जोखिमों को कम करना।
सभी स्वीकृतियां खरीद (भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) श्रेणी के अंतर्गत आती हैं, जिससे घरेलू नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और रक्षा उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता मजबूत होगी।