उद्योग मंडल CII की सिफारिशें
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने भारत में आर्थिक विकास और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए कई उपाय प्रस्तावित किए हैं। यहाँ मुख्य सिफारिशें दी गई हैं:
आर्थिक विकास अनुमान
- वित्त वर्ष 2026 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.4-6.7% की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो मुख्य रूप से वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद मजबूत घरेलू मांग से प्रेरित है।
- वित्त वर्ष 2025 में भारत की GDP 6.5% बढ़ी।
व्यापार वार्ता
- अमेरिका के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की योजना चरणबद्ध तरीके से बनाई गई है, जिसमें राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों पर बाद में विचार किया जाएगा।
- इसमें भारतीय उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने और उनका समाधान करने पर जोर दिया गया है।
विकास के लिए छह प्रमुख क्षेत्र
- अगली पीढ़ी के सुधार
- उत्पादन
- प्रौद्योगिकी और AI
- संधारणीयता और ऊर्जा संक्रमण
- आजीविका
- विश्वास
कर सुधार
- GST ढांचे को पांच स्लैब से घटाकर तीन स्लैब करना:
- आवश्यक वस्तुओं के लिए 5%
- लक्ज़री और सिन गुड्स के लिए 28%
- अन्य सभी वस्तुओं के लिए 12-18%
- त्रिस्तरीय आयात शुल्क संरचना की शुरुआत:
- कच्चे माल और इनपुट के लिए 0-2.5%
- मध्यवर्ती वस्तुओं के लिए 2.5-5%
- अंतिम माल के लिए 5-7%
अतिरिक्त प्रस्ताव
- सार्वजनिक, निजी और CSR योगदान को शामिल करते हुए एक जॉइंट स्किल एक्सलरेशन निधि की स्थापना।
- लघु एवं मध्यम उद्यमों (SMEs) के लिए पूंजी सहायता योजना की शुरुआत।
- राज्य बजट और राजकोषीय जोखिमों का आकलन करने के लिए राज्य राजकोषीय परिषदों का गठन।
- बेहतर विवाद समाधान, गैर-अपराधीकरण उपाय तथा समग्र कर सुधार।