घाना की संसद में भारतीय प्रधान मंत्री का संबोधन
भारतीय प्रधान मंत्री ने अकरा में घाना गणराज्य की संसद में भाषण देते हुए समकालीन प्रगति में वैश्विक दक्षिण के पक्ष के महत्व पर बल दिया।
भाषण के मुख्य अंश
- वैश्विक परिवर्तन:
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की विश्व व्यवस्था प्रौद्योगिकी, ग्लोबल साउथ के उदय और बदलती जनसांख्यिकी के कारण तेजी से बदल रही है।
- औपनिवेशिक विरासत जैसी चुनौतियों का कायम रहना।
- प्रमुख चुनौतियाँ:
- जलवायु परिवर्तन
- महामारियां
- आतंक
- साइबर सुरक्षा
- वैश्विक शासन सुधार:
- विश्वसनीय एवं प्रभावी सुधारों का आह्वान।
- भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल किया गया।
- उद्धरण:
- क्वामे नक्रूमा ने अफ्रीका और भारत को एकजुट करने वाली अंतर्निहित शक्तियों पर बात की।
यात्रा का महत्व
यह यात्रा वैश्विक दक्षिण के भीतर सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से पांच देशों की यात्रा का हिस्सा है। यह भाषण घाना की संसद में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया पहला भाषण था। घाना-भारत संसदीय मैत्री सोसायटी के गठन सहित भारत और घाना के बीच सहयोग और मैत्री की सराहना की गई।
स्वीकृति और संबंध
- प्रधानमंत्री को घाना के स्टार सम्मान से सम्मानित किया गया, जो स्थायी मित्रता का प्रतीक है।
- घाना के विकास लक्ष्यों में सहायता देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई गई।