NSO द्वारा फसल कटाई प्रयोगों में वृद्धि
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) फसल उपज अनुमान और कृषि उत्पादन अनुमानों में सुधार के लिए फसल कटाई प्रयोगों (CCEs) की संख्या में विस्तार कर रहा है, जो निर्यात प्रतिबंध जैसे नीतिगत निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कार्यान्वयन संबंधी विवरण
- लक्ष्य: इस डेटा का उपयोग करके 2025-26 के खरीफ और रबी फसल मौसम के लिए फसल उत्पादन का अनुमान तैयार किया जाएगा।
- परिशुद्धता: CCEs नमूना आकार में वृद्धि का उद्देश्य उपज अनुमानों की परिशुद्धता को बढ़ाना है।
CCEs की कार्यप्रणाली
- CCEs में फसल की उपज का अनुमान लगाने के लिए कटाई, मड़ाई और एक विशिष्ट भूखंड का वजन करना शामिल है।
- यह अनुमान बेरीज, एवकाडो, ड्रैगन फ्रूट और कीवी जैसी नई फसलों तक विस्तारित होता है, जिन्हें वर्तमान पद्धतियों में शामिल नहीं किया जाता है।
वर्तमान पद्धतियों की चुनौतियाँ
- वर्तमान मैनुअल विधि केवल चावल, मक्का और ज्वार जैसी प्रमुख फसलों को कवर करती है।
- फसल उत्पादन के आंकड़ों में अशुद्धि निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है तथा अनावश्यक निर्यात प्रतिबंध जैसे मुद्दों को जन्म देती है।
- उदाहरण: गेहूं उत्पादन अनुमान 106 मिलियन टन से बढ़कर 107.7 मिलियन टन हो गया, जिससे बाजार की गतिशीलता प्रभावित हुई।
- कपास उत्पादन को 36.21 मिलियन कॉटन-बेल से संशोधित कर 31.20 मिलियन कॉटन-बेल कर दिया गया, जिससे आपूर्ति संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो गईं।
नीतिगत निहितार्थ
- अनुमानों में बार-बार संशोधन से गलत मूल्य अनुमान और मुद्रास्फीति रणनीतियां सामने आती हैं।
- निर्यात प्रतिबंध और स्टॉक सीमा जैसे कठोर नीतिगत उपाय कभी-कभी गलत अनुमानों के कारण गलत तरीके से अपनाए जाते हैं।
आगे की राह और सुधार
- NSO ने क्षेत्रीय गणना और उपज के आंकड़ों की निगरानी के लिए लगभग 130 सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों को सलाहकार के रूप में नियुक्त करने की योजना बनाई है।
- नमूना आकार में वृद्धि का उद्देश्य अनुमानों और नीति निर्माण में स्पष्टता में सुधार करना है।