भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में परिवर्तन
राजनीतिक इच्छाशक्ति, बढ़ी हुई फंडिंग और सस्ती, सुलभ, न्यायसंगत और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की प्रतिबद्धता के कारण पिछले 11 वर्षों में भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है।
मुख्य पहलें और उपलब्धियां
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM): यह कार्यक्रम स्वास्थ्य प्रणालियों को बढ़ाने, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने, बीमारियों से लड़ने और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक सार्वभौमिक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
- आयुष्मान आरोग्य मंदिर: स्वास्थ्य सेवा को समुदायों के करीब लाने के लिए 1.77 लाख से अधिक केंद्र स्थापित किए गए हैं।
- प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म: ई-संजीवनी और टेलीमानस जैसी पहलों ने विशेषज्ञ देखभाल तक पहुँच का लोकतंत्रीकरण किया है।
- मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुधार :
- मातृ मृत्यु दर में 86% की गिरावट, जबकि वैश्विक औसत गिरावट 48% है।
- शिशु मृत्यु दर में 73% की कमी आई, जबकि वैश्विक स्तर पर यह गिरावट 58% रही।
- निवारक देखभाल फोकस: आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में कैंसर की जांच तथा उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मौखिक कैंसर के लिए महत्वपूर्ण जांच।
- सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम : 2014 से छह नए टीके शुरू किए गए, जिससे 5.46 करोड़ बच्चे और 1.32 करोड़ गर्भवती महिलाएं प्रभावित हुईं।
रोग प्रबंधन में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ
- 2014 में पोलियो मुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त किया गया।
- 2015 में मातृ एवं नवजात टेटनस का उन्मूलन कर दिया गया।
- 2024 में ट्रेकोमा का उन्मूलन किया जाएगा।
- 2015-2023 के बीच मलेरिया के मामलों और मौतों में 80% से अधिक की कमी आई।
- 2023 तक कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य हासिल किया गया।
- क्षय रोग (टीबी) में कमी : टीबी की घटनाओं में 17.7% और मृत्यु दर में 21% की कमी आई।
स्वास्थ्य सेवा वित्तपोषण और बुनियादी ढांचा
- सरकारी स्वास्थ्य व्यय में सकल घरेलू उत्पाद के 1.13% से 1.84% तक वृद्धि (2014-2022)।
- आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (OOPE) 62.6% से घटकर 39.4% हो गया।
- निःशुल्क औषधि एवं निदान सेवा पहल: कई राज्यों में सामर्थ्य और पहुँच में वृद्धि हुई।
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम: 28 लाख से अधिक रोगियों को लाभ हुआ, जिससे OOPE में 8,725 करोड़ रुपये की कमी आई।
- राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवाओं (NAS) और मोबाइल मेडिकल इकाइयों (MMUs) के साथ आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों को उन्नत किया गया।
अवसंरचना और कार्यबल विकास
- प्रधान मंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) 2021 में लॉन्च किया गया।
- 18,802 आयुष्मान आरोग्य मंदिर, 602 क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक और 730 जिला एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की स्थापना।
- 1.18 लाख सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (CHOs) सहित 5.23 लाख अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति।
कुल मिलाकर, इन प्रयासों ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा की नींव रखी है, जो भारत में सभी के लिए सुलभ, सस्ती और समान स्वास्थ्य सेवा के दृष्टिकोण के अनुरूप है।