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अमेरिका ने पहलगाम हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि को विदेशी आतंकवादी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया | Current Affairs | Vision IAS

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अमेरिका ने पहलगाम हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि को विदेशी आतंकवादी संगठन और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया

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अमेरिका द्वारा द रेजिस्टेंस फ्रंट को आतंकवादी संगठन घोषित करना

संयुक्त राज्य अमेरिका ने 17 जुलाई, 2025 को द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को 'विदेशी आतंकवादी संगठन' और 'विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी' के रूप में नामित किया है। इस कदम को भारत के अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी प्रयासों के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।

प्रतिरोध मोर्चा (टीआरएफ) की पृष्ठभूमि

  • टीआरएफ को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का समर्थन प्राप्त है।
  • टीआरएफ ने 22 अप्रैल, 2025 को हुए पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, जो 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे घातक हमला था।
  • इस हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई।
  • टीआरएफ भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हमलों के लिए भी जिम्मेदार रहा है, विशेष रूप से 2024 में।

अमेरिका और भारत की प्रतिक्रिया

  • अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने आतंकवाद-निरोध और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति ट्रम्प प्रशासन की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
  • भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस पदनाम की प्रशंसा की तथा भारत-अमेरिका के बीच मजबूत आतंकवाद-रोधी सहयोग पर प्रकाश डाला।

टीआरएफ के खिलाफ भारत का अभियान

  • पहलगाम हमले के बाद भारत ने टीआरएफ पर प्रतिबंध लगाने के लिए वैश्विक अभियान शुरू किया।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने हमले की निंदा की, लेकिन सीधे तौर पर टीआरएफ का नाम नहीं लिया।
  • भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और अंतर्राष्ट्रीय राजधानियों में राजनयिक अभियान चलाए।
  • 1267 प्रतिबंध समिति के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए एक तकनीकी टीम को न्यूयॉर्क भेजा गया।

अंतर्राष्ट्रीय समर्थन और वक्तव्य

  • क्वाड के विदेश मंत्रियों ने 1 जुलाई को एक संयुक्त बयान में पहलगाम हमले की निंदा की।
  • विदेश मंत्रालय ने आतंकवाद-निरोध पर भारत और अमेरिका के बीच गहरे सहयोग पर प्रकाश डाला।
  • भारत आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति रखता है तथा आतंकवादी संगठनों और उनके समर्थकों के प्रति जवाबदेही चाहता है।
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