आधार धोखाधड़ी से निपटने के लिए UIDAI के उपाय
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) आधार और फर्जी UID नंबरों से जुड़े धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए कड़े उपाय लागू कर रहा है।
प्रमुख उपाय
- बदलावों पर प्रतिबंध: UIDAI, जन्मतिथि और बायोमेट्रिक्स में बार-बार होने वाले बदलावों पर रोक लगाने की योजना बना रहा है। आधिकारिक डेटाबेस से सीधा सत्यापन इस पहल का एक हिस्सा है।
- प्रौद्योगिकी एकीकरण: गलत फोटोग्राफ और मिश्रित बायोमेट्रिक्स जैसी धोखाधड़ी गतिविधियों का पता लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग जैसी अग्रणी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना।
- ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया: आधार आवेदन को पूरी तरह से ऑनलाइन बनाने का लक्ष्य, राज्यों द्वारा सत्यापन योग्य ऑनलाइन दस्तावेजों की ओर रुख करना।
- डेटाबेस एकीकरण: पैन, CBSE मार्कशीट और मनरेगा रिकॉर्ड जैसे दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए 35 राज्यों के मूल डेटाबेस तक पहुंच सुरक्षित कर ली गई है।
बायोमेट्रिक धोखाधड़ी की रोकथाम
- AI/ML एल्गोरिदम: बायोमेट्रिक धोखाधड़ी को रोकने के लिए उंगलियों के निशान की प्रामाणिकता की जांच करने और यह सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया है कि वे "जीवित उंगली" से हैं।
- आयु आकलन सॉफ्टवेयर: कैमरों में AI-आधारित सॉफ्टवेयर आयु आकलन में सहायता करता है, जिससे बच्चों के लिए बनाए गए आधार का दुरुपयोग रोका जा सकता है।
- फोटो सत्यापन: धोखाधड़ी को रोकने के लिए व्यक्तियों की तस्वीरों का मिलान आव्रजन ब्यूरो के डेटाबेस से करने के लिए AI का उपयोग किया जाता है।
प्रतिबंध और सत्यापन
- अद्यतन प्रतिबंध: फिंगरप्रिंट को अद्यतन करने की संख्या को सीमित करने की संभावना तलाशना, विशेष रूप से युवा लोगों के लिए।
- मिश्रित बायोमेट्रिक्स का पता लगाना: AI/ML प्रौद्योगिकियां असामान्यताओं का पता लगाती हैं, जैसे हाथ और पैर के बायोमेट्रिक्स का मिश्रण या किसी अन्य व्यक्ति के बायोमेट्रिक्स के साथ संयोजन।
- गैर-नागरिक आवेदन: यह सुनिश्चित करना कि गैर-नागरिक भारत में 180 दिनों तक रहने के बाद और सही श्रेणी में आवेदन करें, हाल ही में गलत वर्गीकरण के कारण 1,456 आवेदनों को अस्वीकार कर दिया गया।
सत्यापन प्रक्रियाएँ
- जिला प्राधिकारी सत्यापन: 18 वर्ष से अधिक आयु के आवेदकों के लिए प्रामाणिकता सुनिश्चित करने हेतु जिला प्राधिकारियों द्वारा सत्यापन किया जाता है।
- ऑनलाइन दस्तावेज़ सुगम्यता: राज्यों को यूआईडीएआई द्वारा ऑनलाइन सत्यापन योग्य दस्तावेज़ों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिसमें प्रमाणीकरण के लिए क्यूआर कोड शामिल किए जाते हैं।