GLMC ने "नेविगेटिंग टुमॉरो: मास्टरिंग स्किल्स इन ए डायनेमिक ग्लोबल लेबर मार्केट" शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की | Current Affairs | Vision IAS
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इस रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भविष्य के कार्यबल के लिए संज्ञानात्मक कौशल तथा STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) क्षमताएं प्राप्त करना जरूरी हैं। 

  • ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), डेटा साइंस आदि की बढ़ती मांग की वजह से है। 

रिपोर्ट के अनुसार श्रम मांग को प्रभावित करने वाले चार प्रमुख वैश्विक कारक निम्नलिखित हैं: 

  • आर्थिक वैश्वीकरण: वैश्विक व्यापार से अवसर पैदा होते हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा भी बढ़ती है। इससे नौकरियां छूटती हैं और कुशल कार्यबल कहीं और प्रवास कर जाता है। 
    • भारत से  प्रतिभा पलायन इसका एक अच्छा उदाहरण है। 
  • बदलती जनसांख्यिकी: जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में बढ़ती वृद्ध आबादी की वजह से कार्यबल कम हो रहा है। 
    • वहीं अधिक युवा आबादी वाले भारत जैसे देश शिक्षा और रोजगार सृजन में निवेश करके "जनसांख्यिकीय लाभांश" (Demographic dividend) का फायदा उठा सकते हैं। 
  • प्रौद्योगिकी में बदलाव: मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट (2018) के एक अनुमान के अनुसार ऑटोमेशन 2030 तक 15% वैश्विक कार्यबल की जगह ले लेगा।
  • जलवायु परिवर्तन: जलवायु आपदाओं की वजह से आउटडोर कार्य करने वाले लोग और आपातकालीन सेवा जैसे क्षेत्रक प्रभावित होते हैं।
    • पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं की वजह से भारत में 32% लोगों को फिर से कौशल प्राप्त करना होता है। हालांकि, हरित अर्थव्यवस्था से 2030 तक 24 मिलियन रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। 

आगे की राह: 

  • श्रम बाजार की जानकारी: सरकारों को ऑस्ट्रेलिया के मॉडल की तरह प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम को निर्देशित करने के लिए रियल टाइम डेटा साझा करना चाहिए। 
  • समावेशी शिक्षा: भारत के कौशल भारत मिशन जैसे कार्यक्रम वंचित समूहों के लिए कौशल और रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं। 
  • सरकारी वित्त-पोषण: सरकारी वित्त-पोषण और प्रोत्साहन से विशेष रूप से लघु उद्यमों एवं व्यक्तियों के लिए प्रशिक्षण से जुड़ी बाधाओं को कम किया जा सकता है।
  • निरंतर लर्निंग की सुविधा: आजीवन लर्निंग तथा तकनीक और सॉफ्ट स्किल आधारित अपस्किलिंग एवं रीस्किलिंग को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। 
    • भारत में, 70% पेशेवर अपस्किलिंग यानी कौशल में सुधार के अवसरों की तलाश करते रहते हैं।

रिपोर्ट में रेखांकित चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार के कदम

  • प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) चलाई जा रही है। 
  • राष्ट्रीय कौशल विकास और उद्यमिता नीति (NPSDE) जारी की गई है। 
  • विजिटिंग एडवांस्ड ज्वाइंट रिसर्च (VAJRA) फैकल्टी स्कीम शुरू की गई है। 
  • सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान जैसी योजनाओं के माध्यम से शिक्षा में निवेश बढ़ाया गया है। 
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