अमृत ज्ञान कोष पोर्टल
हाल ही में iGOT प्लेटफॉर्म पर अमृत ज्ञान कोष पोर्टल लॉन्च किया गया। इसे क्षमता निर्माण आयोग और कर्मयोगी भारत ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
अमृत ज्ञान कोष पोर्टल के बारे में:
- उद्देश्य: इस पहल के माध्यम से क्षमता निर्माण आयोग का उद्देश्य शिक्षकों को सशक्त बनाना और पूरे भारत में लोक प्रशासन प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
- इसमें देश भर की सर्वोत्तम कार्य-पद्धतियों को संकलित किया गया। ये पद्धतियां 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में से 15 के अनुरूप हैं।
- इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और डिजिटल गवर्नेंस जैसे विविध नीतिगत विषय भी शामिल हैं।
iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म के बारे में
- यह सिविल सेवा अधिकारियों के लिए ऑल-इन-वन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है।
- इसके अलावा यह:
- लर्निंग को मार्गदर्शन प्रदान करता है,
- चर्चाओं को होस्ट करता है,
- करियर का प्रबंधन करता है और
- अधिकारियों की योग्यता को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित करने के लिए विश्वसनीय आकलन भी करता है।
- Tags :
- अमृत ज्ञान कोष पोर्टल
- मिशन कर्मयोगी
Articles Sources
उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (CCS)
RBI के नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था, रोजगार और व्यय में उपभोक्ताओं का विश्वास कमजोर हुआ है।
उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (CCS) के बारे में
- यह अर्थव्यवस्था और व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति के बारे में आशाजनक या निराशाजनक तस्वीर प्रस्तुत करने वाला एक आर्थिक संकेतक है।
- यह उपभोक्ता के नजरिये से अर्थव्यवस्था की स्थिति का आकलन करता है। उच्च विश्वास आम तौर पर उपभोक्ता व्यय में वृद्धि का संकेतक होता है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) प्रत्येक दो महीनों पर CCS के माध्यम से उपभोक्ता विश्वास को मापता है।
- CCS उपभोक्ताओं के फीडबैक को निम्नलिखित दो सूचकांकों के माध्यम से मापता है:
- वर्तमान स्थिति सूचकांक (Current Situation Index: CSI): इसके तहत पिछले वर्ष की तुलना में वर्तमान में अर्थव्यवस्था, रोजगार और कीमतों के बारे में उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है।
- भविष्य की अपेक्षा सूचकांक (Future Expectation Index: FEI): इसमें एक साल आगे के बारे में अर्थव्यवस्था, रोजगार और कीमतों पर उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं की माप की जाती है।
- Tags :
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)
- उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (CCS)
- उपभोक्ताओं का विश्वास
- वर्तमान स्थिति सूचकांक (Current Situation Index: CSI)
- भविष्य की अपेक्षा सूचकांक (Future Expectation Index: FEI)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का गवर्नर
केंद्र सरकार ने संजय मल्होत्रा को RBI का 26वां गवर्नर नियुक्त किया।
RBI गवर्नर के बारे में
- नियुक्ति: केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के अनुसार RBI गवर्नर की नियुक्ति करती है।
- नियुक्ति प्रक्रिया: वित्तीय क्षेत्र विनियामक नियुक्ति खोज समिति योग्य उम्मीदवारों के नामों की सूची तैयार करती है।
- इस समिति में कैबिनेट सचिव, वर्तमान RBI गवर्नर, वित्तीय सेवा सचिव और दो स्वतंत्र सदस्य शामिल होते हैं।
- प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाली नियुक्ति संबंधी कैबिनेट समिति अंतिम निर्णय लेती है।
- कार्यकाल: RBI गवर्नर का कार्यकाल 5 वर्ष से अधिक नहीं हो सकता या केंद्र सरकार द्वारा नियुक्ति के समय निर्धारित अवधि तक वह पद धारण करता है।
- वर्तमान (संजय मल्होत्रा) गवर्नर को तीन साल के लिए नियुक्त किया गया है।
- गवर्नर पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र होता है।
- Tags :
- RBI गवर्नर
- भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934
- RBI का 26वां गवर्नर
बीमा सखी योजना
हाल ही में प्रधान मंत्री ने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बीमा सखी योजना का शुभारंभ किया।
बीमा सखी योजना के बारे में:
- यह एक प्रकार की मानदेय यानी स्टाइपेंडरी योजना है। यह महिलाओं के लिए योजना है। इस योजना के तहत 3 साल तक मानदेय दिया जाता है।
- मानदेय: पहले वर्ष में 7,000 रुपये प्रति माह; दूसरे वर्ष में 6,000 रुपये प्रति माह और तीसरे वर्ष में 5,000 रुपये प्रति माह। ये मानदेय कुछ शर्तों के तहत दिए जाते हैं।
- लक्ष्य: 2 लाख महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना।
- पात्रता: 18-70 वर्ष आयु तथा न्यूनतम शिक्षा 10वीं पास।
- महत्त्व:
- प्रशिक्षण प्रदान करना, जिसके बाद वे LIC एजेंट के रूप में कार्य कर सकती हैं।
- वे आगे जाकर LIC विकास अधिकारी भी बन सकती हैं।
- Tags :
- बीमा सखी
- भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC)
- महिलाओं को रोजगार
Articles Sources
डायमंड बैटरी
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल और UKAEA के वैज्ञानिकों ने दुनिया की पहली कार्बन-14 डायमंड बैटरी बनाई है। यह बैटरी संधारणीय ऊर्जा स्रोत है, जो हज़ारों सालों तक कार्य कर सकती है।
डायमंड बैटरी के बारे में
- यह बिजली पैदा करने के लिए कार्बन-14 के रेडियोएक्टिव क्षय का उपयोग करती है।
- कार्बन-14 रेडियोकार्बन डेटिंग में इस्तेमाल किया जाने वाला एक आइसोटोप है।
- कार्बन-14 की अर्द्ध-आयु (हाफ लाइफ) लगभग 5,730 साल है।
- सोलर पैनल की तरह, यह बैटरी भी ऊर्जा को परिवर्तित करती है। हालांकि, यह बैटरी प्रकाश की बजाय रेडियोएक्टिव क्षय के तेज़ गति वाले इलेक्ट्रॉन्स का उपयोग करती है।
- इस पर हीरे की लेप चढ़ाई गई है। यह कम दूरी के विकिरण को सुरक्षित तरीके से अवशोषित करती है, और बिना लीकेज के कम क्षमता वाली बिजली पैदा करती है।
संभावित उपयोग
- यह बैटरी पेसमेकर, श्रवण यंत्र और नेत्र संबंधी डिवाइसेज को बिजली प्रदान कर सकती है।
- यह अंतरिक्ष मिशनों के लिए उपयुक्त है, क्योंकि यह सैटेलाइट्स को लंबे समय तक बिजली प्रदान कर सकती है।
- यह परमाणु अपशिष्ट से कार्बन-14 को निकालकर रेडियोएक्टिविटी और भंडारण लागत कम कर सकती है। इससे परमाणु अपशिष्ट का बेहतर तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित हो सकता है।
- Tags :
- डायमंड बैटरी
- कार्बन-14
- UKAEA
- यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल
- रेडियोकार्बन डेटिंग
बांस की कोपलें (Bamboo Shoots)
एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि त्रिपुरा की पारंपरिक रूप से किण्वित बांस की कोपलों में मोटापा-रोधी गुण होते हैं। इन बांस की कोपलों को स्थानीय भाषा में ‘मेलये-एमिली’ कहा जाता है।
बांस की कोपल:
- इसके बारे में: ये बांस के भूमिगत तनों से निकलने वाले युवा और कोमल अंकुर होते हैं।
- ये खाने योग्य होते हैं और अपने अनूठे स्वाद एवं बनावट के कारण कई एशियाई व्यंजनों के लोकप्रिय घटक हैं।
- पूर्वोत्तर भारत के कई नृजातीय समुदाय पसंदीदा खाद्य पदार्थ के रूप में ताजा या किण्वित बांस की कोपलों का उपयोग करते हैं।
- पोषक तत्व: ये प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, फाइबर और खनिजों से भरपूर होते है तथा इनमें वसा की मात्रा बहुत कम होती है।
- Tags :
- बांस
- मेलये-एमिली
- किण्वित बांस
- बैम्बू शूट
Articles Sources
इंडियन स्टार कछुआ
एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि किसी वैज्ञानिक योजना के बिना कब्जे में रखे गए कछुओं को वन में छोड़ना उनके संरक्षण के प्रयासों को असफल बना सकता है।
इंडियन स्टार कछुए (जियोचेलोन एलिगेंस) के बारे में
- इसके बारे में: ये आमतौर पर अकेले रहते हैं। ये हाइबरनेट नहीं करते हैं, लेकिन अत्यधिक शुष्क/ गर्म/ ठंडा मौसम होने पर निष्क्रिय हो जाते हैं।
- यह मुख्य रूप से शाकाहारी जीव है। इसका विशेष ओब्सीडियन शेल (खोल) होता है, जिसमें पीले रंग के तारे के आकार के पैटर्न बने होते हैं।
- पर्यावास: यह उत्तर-पश्चिमी भारत, दक्षिणी भारत और श्रीलंका के शुष्क क्षेत्रों का स्थानिक जीव है।

- खतरे: पर्यावास क्षति, आनुवंशिक विविधता से जुड़ी समस्या, विदेशी पालतू जानवरों के रूप में अत्यधिक मांग, तस्करी, आदि।
- संरक्षण की स्थिति:
- CITES: परिशिष्ट-I में सूचीबद्ध।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची-I में सूचीबद्ध।
- IUCN: वल्नरेबल श्रेणी।
- Tags :
- इंडियन स्टार कछुआ
- जियोचेलोन एलिगेंस
- कछुए