केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए जल्द ही एक व्यापक एंटी-ड्रोन यूनिट बनाएगा | Current Affairs | Vision IAS
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केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए जल्द ही एक व्यापक एंटी-ड्रोन यूनिट बनाएगा

Posted 10 Dec 2024

13 min read

केंद्रीय गृह मंत्री ने ड्रोन/ मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) के बढ़ते खतरे पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस मुद्दे से निपटने के लिए रक्षा और अनुसंधान संगठनों को शामिल करते हुए 'समग्र सरकार (whole of government)' दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।

एंटी-ड्रोन या ड्रोन रोधी प्रणालियां 

  • इसके बारे में: इन विधियों या प्रणालियों का उपयोग अनधिकृत UAV या ड्रोन का पता लगाने, उन पर नज़र रखने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है। ये ड्रोन सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं, जैसे विस्फोटक ले जाना, निगरानी करना या हवाई क्षेत्र में हस्तक्षेप करना आदि।
  • उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकी: इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) स्पूफर्स, नेट गन, आदि शामिल हैं। 

भारत में एंटी-ड्रोन यूनिट की आवश्यकता क्यों है?

  • बढ़ते खतरे: सीमाओं पर अवैध गतिविधियों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इस वर्ष (2024) भारत की पाकिस्तान से लगती सीमा पर 260 से अधिक ड्रोन निष्क्रिय किए गए हैं। 
  • रियल-टाइम में डिटेक्शन, ट्रैकिंग और निष्क्रिय करना: इसके तहत विशेष रूप से हवाई अड्डों, सैन्य स्थलों, महत्वपूर्ण  अवसंरचनाओं और सार्वजनिक आयोजनों जैसे क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए एंटी-ड्रोन यूनिट का उपयोग किया जा सकता है।
  • गैर-राज्य अभिकर्ताओं से निपटना: आतंकवादियों द्वारा नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने हेतु हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।
  • ड्रोन का दोहरा उपयोग: इसके तहत हथियारों की तस्करी के साथ-साथ लड़ाकू मिशनों और सैन्य टोही कार्यों के लिए भी इनका उपयोग किया जा रहा है।
    • उदाहरण: हाल ही में, बांग्लादेश ने बायरकटर TB2 लड़ाकू ड्रोन का इस्तेमाल किया है।
  • आंतरिक सुरक्षा: हाल ही में मणिपुर में उग्रवादियों द्वारा विस्फोटक गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं। 

भारत द्वारा हाल ही में अपनाए गए कुछ ड्रोन-रोधी उपाय

  • DRDO की सॉफ्ट किल और हार्ड किल तकनीक: यह दुश्मन के ड्रोन से निपटने वाली स्वदेशी तकनीक है। 
    • सॉफ्ट किल: इसके तहत ड्रोन के संचार लिंक को जाम कर दिया जाता है।
    • हार्ड किल: इसके अंतर्गत लेजर आधारित प्रणाली से ड्रोन को नष्ट कर दिया जाता है।
  • लेजर युक्त ड्रोन रोधी गन-माउंटेड प्रणाली: इसे भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात किया गया है। इससे ड्रोन का पता लगाने और उसे निष्क्रिय करने के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।  
  • भारत इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड का काउंटर ड्रोन सिस्टम (D4 सिस्टम): यह रियल टाइम में ड्रोन को खोजने, उसे डिटेक्ट करने, उसकी ट्रैकिंग करने और उसे निष्क्रिय करने में सक्षम है।
  • Tags :
  • DRDO
  • D4 सिस्टम
  • Global Positioning System (GPS)
  • एंटी-ड्रोन यूनिट
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