सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अतिक्रमण के आधार पर हाई कोर्ट के आदेश को रद्द किया | Current Affairs | Vision IAS
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सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अतिक्रमण के आधार पर हाई कोर्ट के आदेश को रद्द किया

Posted 03 Mar 2025

5 min read

गौरतलब है कि मान सिंह वर्मा मामले में, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को कथित रूप से अवैध तरीके से हिरासत में रखने के कारण आरोपी को मुआवजा देने का आदेश दिया था।

  • सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अतिक्रमण यानी जुडिशियल ओवररीच का हवाला देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस आदेश को रद्द किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दंड प्रक्रिया संहिता किसी कोर्ट को अवैध तरीके से हिरासत में रखे गए व्यक्ति को मुआवजा दिलवाने का अधिकार नहीं देती है। 

न्यायिक सक्रियता और न्यायिक अतिक्रमण (Judicial Activism and Judicial Overreach)

न्यायपालिका को संविधान में निर्धारित शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का पालन करते हुए न्यायिक संयम बनाए रखना चाहिए। जैसा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था, “न्यायिक सक्रियता और न्यायिक अतिक्रमण के बीच की सीमा रेखा बेहद पतली होती है।”

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  • नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो
  • न्यायिक अतिक्रमण
  • जुडिशियल ओवररीच
  • न्यायिक सक्रियता
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