इस अध्ययन में 1950 से 2023 तक हाई माउंटेन एशिया में बाढ़ की घटनाओं का विश्लेषण किया गया है। इस अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला है कि तापमान में होने वाली वृद्धि बाढ़ की बढ़ती घटनाओं का मुख्य कारण है।
- 1950 के बाद से, हाई माउंटेन एशिया का तापमान प्रति दशक 0.3°C की दर से बढ़ा है।
इस अध्ययन के अन्य मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र
- बाढ़ आने के समय में अनिश्चितता बढ़ रही है। बाढ़ की अधिकांश घटनाएं मानसून के दौरान होती रहती हैं, लेकिन इसके अलावा दूसरे मौसम में भी बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही हैं।
- तेल, कोयला और गैस के जलने से वैश्विक तापमान बढ़ रहा है, जिससे एशियाई क्षेत्र में चार प्रकार की बाढ़ में वृद्धि हो रही है।
हाई माउंटेन एशिया में बाढ़ के चार प्रकार

- वर्षा के कारण बाढ़ (Rain/ Pluvial Floods: PF): हिमालयी क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा के कारण सतही जल अपवाह में वृद्धि और अचानक बाढ़ आना एक सामान्य घटना बन गई है।
- बर्फ पिघलने से उत्पन्न बाढ़ (Snowmelt-induced floods: SF): तापमान बढ़ने के कारण बर्फ तेजी से पिघलती है, जिससे नदी का जलस्तर बढ़ जाता है। यह प्रभाव तियान शान क्षेत्र में सबसे अधिक देखने को मिलता है।
- हिमनदीय झील के तटबंध टूटने से उत्पन्न बाढ़ (Glacial Lake Outburst Floods: GLOF): हिमनदों के पिघलने या भूस्खलन के कारण हिमनदीय झीलों के तटबंध टूट जाते हैं। यह घटना कराकोरम और हिमालय क्षेत्र में आम है।
- भूस्खलन से बनी झील के तटबंध टूटने से उत्पन्न बाढ़ (Landslide-Dammed Lake Outburst Floods: LLOFs): भूस्खलन के कारण नदियों का मार्ग बाधित हो जाता है, और अस्थायी झीलें बन जाती हैं। बाद में ऐसी झील के तटबंध टूटने से बाढ़ आती है। यह ज्यादातर हेंगडुआन पर्वतों में देखने को मिलता है।
इस अध्ययन में की गई सिफारिशें
- संवेदनशील घाटियों में वास्तविक समय पर बाढ़ की निगरानी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- सीमा-पारीय खतरों से निपटने के लिए हाई माउंटेन एशिया से संबंधित देशों के बीच डेटा-साझाकरण समझौतों को मजबूत करना चाहिए।
- स्थानीय स्तर पर सुरक्षात्मक अवसंरचना के निर्माण सहित समुदाय आधारित बाढ़ शमन प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए।
हाई माउंटेन एशिया के बारे में
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