इस ऐतिहासिक खोज में दो रासायनिक गैसों ‘डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) और डाइमिथाइल डाइसल्फाइड (DMDS)’ का पता चला है। ये गैसें पृथ्वी पर मुख्य रूप से समुद्री फाइटोप्लांकटन-शैवाल द्वारा उत्पादित होती हैं।
- JWST द्वारा पहले किए गए पर्यवेक्षणों ने K2-18b के वायुमंडल में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड की पहचान की थी।
खोज के बारे में अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- सांद्रता में भिन्नता: K2-18b के वायुमंडल में DMS और DMDS की सांद्रता पृथ्वी की तुलना में लगभग हजारों गुना अधिक है।
- ट्रांजिट विधि का उपयोग: खगोलविदों ने ट्रांजिट विधि का उपयोग किया। इस दौरान K2-18b के ट्रांजिट के समय, JWST ने तारकीय चमक में गिरावट का पता लगाया।
- K2-18b को हाइसीन एक्सोप्लैनेट के रूप में स्थापित करना: हाइसीन एक्सोप्लैनेट हाइड्रोजन युक्त वायुमंडल के नीचे रहने योग्य महासागर वाला ग्रह होता है।
- सटीकता: ये पर्यवेक्षण सांख्यिकीय महत्त्व के ‘थ्री-सिग्मा’ लेवल तक पहुंच गए हैं। इसका अर्थ है कि 0.3% संभावना है कि परिणाम केवल संयोग से हुआ हो।
K2-18b के बारे में
- यह एक एक्सोप्लैनेट (बहिर्ग्रह) है, जो पृथ्वी से 8.6 गुना ज़्यादा भारी है और इसका व्यास पृथ्वी से लगभग 2.6 गुना है। एक्सोप्लैनेट, सौरमंडल से बाहर के ग्रह हैं, जो ज्यादातर दूसरे तारों की परिक्रमा करते हैं।
- यह जीवन की संभावना वाले क्षेत्र में ठंडे वामन तारे K2-18 की परिक्रमा करता है तथा पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर, लियो (Leo) तारामंडल में स्थित है।
JWST के बारे में
- इसे वर्ष 2021 में नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी के रूप में लॉन्च किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य प्रारंभिक ब्रह्मांड, सितारों, ग्रहों और अन्य खगोलीय घटनाओं का अध्ययन करना है।
- यह पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर दूसरे लैग्रेंज बिंदु (L-2) पर सूर्य की परिक्रमा करता है।