इस समझौते के माध्यम से IBCA का मुख्यालय और सचिवालय भारत में स्थापित किए जाएंगे। इससे IBCA को अपने आधिकारिक कार्यों को कुशलतापूर्वक निष्पादित करने में मदद मिलेगी।
समझौते के संबंध में अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- यह IBCA सचिवालय और कर्मियों, परिसरों आदि को दिए जाने वाले वीजा, विशेषाधिकारों एवं उन्मुक्तियों से संबंधित है।
- इसके अलावा, भारत IBCA को 2023-24 से 2028-29 तक 5 वर्षों के लिए एक कोष बनाने, अवसंरचना के निर्माण और आवर्ती (नियमित) व्यय को पूरा करने के लिए 150 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन प्रदान करेगा।
IBCA के बारे में (मुख्यालय: भारत)
- उत्पत्ति: इसे प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 2023 में भारत ने लॉन्च किया था।
- जनवरी, 2025 में अपने फ्रेमवर्क समझौते के लागू होने के साथ ही IBCA और इसका सचिवालय एक पूर्ण संधि आधारित अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन तथा अंतर्राष्ट्रीय कानूनी संस्था बन गया था।
- सदस्य: 5 देशों (निकारागुआ, एस्वातिनी, भारत, सोमालिया और लाइबेरिया) ने औपचारिक रूप से इसके फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
- उद्देश्य: सात बड़ी बिल्ली प्रजातियों (बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा) के संरक्षण को बढ़ावा देना।
- इनमें से केवल 5 प्रजातियां अर्थात् बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ और चीता भारत में पाए जाते हैं।
बड़ी बिल्लियों के संरक्षण के लिए शुरू किए गए अन्य प्रयास
|