भारत पूर्वानुमान प्रणाली (BFS) को IMD में सफलतापूर्वक एकीकृत करने के बाद, भारत रियल टाइम में इतने हाई रिज़ॉल्यूशन पर वैश्विक पूर्वानुमान प्रणाली संचालित करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। BFS को 6 किमी. ग्रिड रिज़ॉल्यूशन के साथ विकसित किया गया है।
भारत पूर्वानुमान प्रणाली (BFS) की मुख्य विशेषताएं
- स्वदेशी रूप से विकसित: यह भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), पुणे की महिला वैज्ञानिकों द्वारा विकसित अगली पीढ़ी का मौसम पूर्वानुमान मॉडल है।
- IITM में नए सुपर कंप्यूटर अर्का की स्थापना से BFS के विकास में मदद मिली है।
- हाई-रिज़ॉल्यूशन फोरकास्ट सिस्टम: यह 30 डिग्री दक्षिण और 30 डिग्री उत्तरी अक्षांशों के बीच अवस्थित उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के लिए 6 किमी. रिज़ॉल्यूशन पूर्वानुमान प्रदान कर सकता है।
- यूरोप, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा संचालित ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम का रिज़ॉल्यूशन 9 किमी. और 14 किमी. के बीच है।
- स्थानीय पूर्वानुमान: यह पंचायत स्तर तक परिचालन पूर्वानुमान प्रदान करेगा। इससे देश में अत्यधिक वर्षा और अन्य स्थानीय मौसम की घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
- सटीकता: इसमें ‘ट्राइएंगुलर क्यूबिक ऑक्टाहेड्रल ग्रिड मॉडल’ पर आधारित रियल टाइम मॉडलिंग का उपयोग किया जाता है। इससे चरम वर्षा संबंधी मौसमी घटनाओं के पूर्वानुमान में 30%--64% का सुधार देखा गया है।
- यह एक निर्धारणात्मक मॉडल (Deterministic model) है, जो सिंगल-मॉडल आधारित आउटपुट उत्पन्न करता है। इसका अर्थ यह है कि यह संभावनाओं की एक श्रृंखला की बजाय एक निश्चित पूर्वानुमान प्रदान करता है।
- डॉप्लर वेदर रडार नेटवर्क: मौसम के सटीक पूर्वानुमान के लिए 40 डॉप्लर वेदर रडार का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क एक मजबूत, भरोसेमंद एवं रियल टाइम इनपुट प्रदान करता है।
- डॉप्लर रडार की संख्या धीरे-धीरे बढ़ाकर 100 कर दी जाएगी। इससे राष्ट्रव्यापी नाउकास्ट यानी 2 घंटे का मौसम पूर्वानुमान सक्षम हो जाएगा।
डॉप्लर वेदर रडार (DWR)
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