नीति आयोग ने “मध्यम उद्यमों के लिए नीति तैयार करना” शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की | Current Affairs | Vision IAS
मेनू
होम

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रासंगिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास पर समय-समय पर तैयार किए गए लेख और अपडेट।

त्वरित लिंक

High-quality MCQs and Mains Answer Writing to sharpen skills and reinforce learning every day.

महत्वपूर्ण यूपीएससी विषयों पर डीप डाइव, मास्टर क्लासेस आदि जैसी पहलों के तहत व्याख्यात्मक और विषयगत अवधारणा-निर्माण वीडियो देखें।

करंट अफेयर्स कार्यक्रम

यूपीएससी की तैयारी के लिए हमारे सभी प्रमुख, आधार और उन्नत पाठ्यक्रमों का एक व्यापक अवलोकन।

ESC

इस रिपोर्ट में MSME क्षेत्रक के भीतर संरचनात्मक असंतुलन और मध्यम उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। साथ ही, इसमें इनकी अप्रयुक्त क्षमता का दोहन करने के लिए लक्षित नीतिगत हस्तक्षेप का सुझाव भी दिया गया है।

  • MSME क्षेत्रक (वर्गीकरण के लिए ग्राफिक देखें) सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 29% का योगदान देता है। कुल निर्यात में इसकी 40% हिस्सेदारी है। साथ ही, यह 60% से अधिक कार्यबल को रोजगार भी प्रदान करता है।
    • हालांकि, इस क्षेत्रक में सूक्ष्म उद्यमों की संख्या अधिक है, जो सभी पंजीकृत MSMEs का लगभग 97% हिस्सा है। इसके बाद लघु उद्यमों (2.7%) और मध्यम उद्यमों (0.3%) का स्थान आता है।
    • MSMEs में मध्यम उद्यमों का मात्र 0.3% प्रतिनिधित्व है। इसके बावजूद, भी मध्यम उद्यम MSME आधारित निर्यात में लगभग 40% का योगदान करते हैं।

मध्यम उद्यमों के समक्ष चुनौतियां

  • पुरानी तकनीक: 82% मध्यम उद्यमों के पास अपने व्यावसायिक संचालन में एकीकृत करने हेतु उन्नत तकनीकें (उद्योग 4.0 - AI, IoT, आदि) नहीं हैं।
  • कौशल विकास योजनाओं का कम उपयोग: 88% मध्यम उद्यम किसी भी सरकारी कौशल विकास या प्रशिक्षण योजना का लाभ नहीं उठा रहे हैं।
  • वित्त-पोषण: विश्व बैंक की इंडियन MSME फाइनेंसिंग रिपोर्ट के अनुसार भारत में केवल 37% मध्यम उद्यम ही ऋण प्राप्त करने में सक्षम हैं।
  • अनुपालन संबंधी बोझ: श्रम निरीक्षकों, स्वास्थ्य निरीक्षकों आदि सहित विविध प्राधिकरणों द्वारा किए जाने वाले अनेक निरीक्षणों के कारण अनुपालन बोझ बढ़ गया है।
  • अपर्याप्त अनुसंधान एवं विकास: केवल 22% मध्यम उद्यम अनुसंधान एवं विकास में शामिल हैं, जबकि बड़े उद्यमों में यह आंकड़ा 60% है।

आगे की राह - लक्षित नीतिगत हस्तक्षेप 

  • आवश्यकतानुसार वित्तीय समाधान: इसमें उद्यम टर्नओवर से जुड़ी कार्यशील पूंजी वित्त-पोषण योजना की शुरुआत करना; बाजार दरों पर 5 करोड़ रुपये की क्रेडिट कार्ड सुविधा आदि शामिल हैं। 
  • उद्यम प्लेटफॉर्म के भीतर एक समर्पित उप-पोर्टल का निर्माण करना चाहिए, जिसमें योजना के बारे में पता लगाने, अनुपालन समर्थन और AI-आधारित सहायता शामिल होगी।
  • मौजूदा उद्यमिता एवं कौशल विकास कार्यक्रमों में मध्यम उद्यम-केंद्रित मॉड्यूल का एकीकरण करना।
  • अन्य: इसमें अनुसंधान एवं विकास संवर्धन तंत्र, क्लस्टर-आधारित परीक्षण अवसंरचना आदि शामिल हैं।
Watch Video News Today
Title is required. Maximum 500 characters.

Search Notes

Filter Notes

Loading your notes...
Searching your notes...
Loading more notes...
You've reached the end of your notes

No notes yet

Create your first note to get started.

No notes found

Try adjusting your search criteria or clear the search.

Saving...
Saved

Please select a subject.

Referenced Articles

linked

No references added yet

Subscribe for Premium Features