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भारी उद्योग मंत्रालय ने “भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की योजना” (SPMEPCI) के लिए दिशा-निर्देश अधिसूचित किए

Posted 03 Jun 2025

7 min read

योजना की मुख्य विशेषताओं पर एक नजर

  • उद्देश्य:
    • भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों (e-4W) के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना।
    • भारत को ऑटोमोटिव नवाचार और विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना।
  • पात्र परियोजनाएँ: पूरे भारत में नए संयंत्र, मशीनरी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण और संबंधित उपयोगिताओं पर किया गया व्यय।
    • सेकेंड हैंड/ ठीक करके नए जैसा बनाया गया संयंत्र, मशीनरी आदि पर किया गया व्यय योग्य नहीं होगा।
  • आवेदकों के लिए पात्रता
  • आवेदकों को लाभ:
    • सीमा शुल्क रियायतें: 5 वर्षों तक रियायत, जो घरेलू मूल्य संवर्धन (DVA) लक्ष्य को पूरा करने से संबद्ध होगी। 
    • आयात लाभ: कुछ शर्तों के साथ पूरी तरह से निर्मित इलेक्ट्रिक कारों या CBUs (एक वाहन जो पूरी तरह से असेंबल किया गया है) को आयात करने की अनुमति है।
  • आवेदकों पर दायित्व
    • स्वीकृत आवेदकों को भारत में e-4W विनिर्माण की फैसिलिटी स्थापित करनी होगी और इसे स्वीकृति से 3 साल के भीतर चालू होना चाहिए।
    • न्यूनतम निवेश: 4,150 करोड़ रुपये।
    • DVA लक्ष्य: 3 साल तक न्यूनतम 25% DVA और 5 साल तक 50%. 
    • अनिवार्य बैंक गारंटी: विनिर्माण प्रतिष्ठान/ प्रतिष्ठानों की स्थापना और DVA की उपलब्धि से संबंधित आवेदक की प्रतिबद्धता भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक से बैंक गारंटी द्वारा समर्थित होगी।
  • Tags :
  • भारी उद्योग मंत्रालय
  • e-4W
  • ऑटोमोटिव विनिर्माण
  • ऑटोमोटिव नवाचार
  • PLI योजना
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