सोलर ऑर्बिटर ने अपने कक्षीय झुकाव के कारण सूर्य के ध्रुवों की पहली तस्वीरें लेने में सफलता प्राप्त की है। ये तस्वीरें सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र, सौर चक्र, और अंतरिक्ष मौसम के बारे में हमारी जानकारियों को और अधिक बढ़ाएंगी।
- सोलर ऑर्बिटर यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का संयुक्त मिशन है। इस मिशन को 2020 में लॉन्च किया गया था।
- इस मिशन का उद्देश्य सूर्य की उसके नजदीक से तस्वीरें लेना, तथा सौर पवनों और सूर्य के ध्रुवीय क्षेत्रों का अध्ययन करना है।
सूर्य के ध्रुवों का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?
- सूर्य के ध्रुवीय क्षेत्रों का पहला अवलोकन: इस अवलोकन से सौर चक्र की बेहतर समझ प्राप्त होगी। ध्यातव्य है कि वर्तमान मॉडल्स यह अनुमान लगाने में असमर्थ हैं कि सूर्य अपनी सबसे सक्रिय अवस्था में कब और कितनी प्रबलता से पहुंचेगा।
- सौर चक्र वास्तव में सूर्य के चुम्बकीय क्षेत्र का लगभग 11 वर्षों का एक प्राकृतिक चक्र है। इसके तहत सूर्य की गतिविधियां सबसे कम सक्रिय अवस्था यानी “सोलर मिनिमम” और सबसे अधिक सक्रिय अवस्था यानी “सोलर मैक्सिमम” के बीच गति करती रहती हैं।
- सोलर मिनिमम में सनस्पॉट्स की संख्या सबसे कम होती है, जबकि सोलर मैक्सिमम में इनकी संख्या सबसे अधिक होती है।
- सोलर मैक्सिमम के दौरान प्रकाश, ऊर्जा और सौर विकिरणों का उत्सर्जन अंतरिक्ष मौसम को प्रभावित करता है।
- सौर चक्र वास्तव में सूर्य के चुम्बकीय क्षेत्र का लगभग 11 वर्षों का एक प्राकृतिक चक्र है। इसके तहत सूर्य की गतिविधियां सबसे कम सक्रिय अवस्था यानी “सोलर मिनिमम” और सबसे अधिक सक्रिय अवस्था यानी “सोलर मैक्सिमम” के बीच गति करती रहती हैं।
- सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र: मापन से पता चलता है कि सोलर मैक्सिमम के दौरान सूर्य के दक्षिणी ध्रुव पर उत्तरी और दक्षिणी, दोनों ध्रुवीय चुंबकीय क्षेत्र मौजूद रहते हैं।
- प्रत्येक 11 साल में, सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र पूरी तरह से उलट जाता है। इसका मतलब है कि सूर्य के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव अपनी जगह बदल लेते हैं।
- कणों की गति पर निगरानी:
- इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ ने सूर्य की भूमध्य रेखा से दूर सौर पवनों और सौर तूफानों के रूप में कणों की गति को ट्रैक किया। इससे अंतरिक्ष मौसम के बेहतर पूर्वानुमान में मदद मिलेगी।
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